
Angels of Death ... मरीज को न हो दर्द, इसलिए मार देती थी! साइको किलर नर्सों का था ऐसा ग्रुप
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'Angels of Death' या 'मौत की दूत' के नाम से कुख्यात अस्पताल में काम करने वाली नर्सों का एक ग्रुप था. इसके सभी मेंबर खतरनाक साइको किलर थे, जिन पर 300 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुलाने का आरोप था. जानते हैं इन साइको किलर नर्सों की कहानी, जो अपने ही मरीज को पेनकिलर का ओवरडोज देकर मार देती थी.
90 के दशक में वियना के लैन्ज अस्पताल में सात साल तक हत्याओं का सिलसिला जारी रहा. हॉस्पिटल में एक के बाद एक मरीजों की मौत होती रही और किसी को कोई शक नहीं हुआ, क्योंकि इन्हें स्वाभाविक मौत का रूप दे दिया जाता था. अंतत: एक जांच में भयावह खुलासा हुआ और लोग जिन्हें स्वाभाविक मौत समझ रहे थे, वो सब सिलसिलेवार हत्या के मामले निकले.
मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल में मरीजों को मारने के पीछे नर्सों की एक टीम का हाथ सामने आया. इस ग्रुप को नाम दिया गया - एंजेल्स ऑफ डेथ या "मौत के दूत". साइको नर्सों के एक समूह ने भयानक सिलसिलेवार हत्याकांड के दौरान 300 से अधिक मरीजों को मौत के घाट उतार दिया.
सात साल तक चला हत्याओं का सिलसिला मरीजों को दर्द निवारक दवाओं की अधिक मात्रा दे दी जाती थी और फिर उन्हें मौत की नींद सुला दिया जाता था. वाल्ट्राउड वैगनर और आइरीन लीडोल्फ नाम की नर्सों ने 1983 से 1989 के बीच वियना के लैंज अस्पताल में सात साल तक एक के बाद एक मरीजों की हत्या की.
ऐसे करती थी मरीजों की हत्या इन हत्याओं को कई तरीकों से अंजाम दिया गया. उन्होंने मरीजों के फेफड़ों में पानी डाला, कभी उन्हें इंसुलिन और ट्रैंक्विलाइज़र की अधिक खुराकें दीं, तो कभी बेहोशी का ओवर डोज दे दिया. इन दो कातिल नर्सों की दो और साथी थी, जो इनके इस खतरनाक पागलपन में साथ देती थीं. इनका नाम था मारिया ग्रुबर और स्टेफनीया मेयर.
मरीजों को दर्द से छुटकारा दिलाना चाहती थीं चारों सीरियल किलर ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 1983 में दया के कारण बुज़ुर्ग और मरते हुए मरीजों को मारना शुरू किया था. वे सिर्फ उन्हें दर्द से छुटकारा दिलाना चाहती थीं. उस साल 23 साल की वैगनर पहली नर्स थी जिसने मॉर्फीन की ओवरडोज देकर एक मरीज की जान ली थी. फिर उसने अपने साइको किलर टोली में 19 साल की ग्रुबर, 21 साल के लीडोल्फ और इस खतरनाक ग्रुप की "हाउस मदर" 43 साल की मेयर को शामिल किया.
वैगनर ने दूसरी नर्सों को सिखाया मरीजों का जान लेना वैगनर ने बाकी लोगों को जानलेवा इंजेक्शन बनाने का तरीका सिखाया. उनमें से एक पीड़ित का सिर पकड़कर उसकी नाक दबाता था, जबकि दूसरा उसके गले में तब तक पानी डालता था जब तक कि वह बिस्तर पर ही ढेर न हो जाए. इससे मरीज को भयानक पीड़ा होती थी.

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