AIIMS पर पहले भी हो चुका है साइबर अटैक, डायरेक्टर से लेकर डीन तक सब हो चुके हैकिंग का शिकार
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एम्स सर्वर हैकिंग मामले में बड़े पैमाने पर जांच चल रही है. चीन से एम्स के पांच सर्वरों को हैक करने की आशंका जताई जा रही है. कई जांच एजेंसियां हैकिंग सोर्स का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. अब पता चला है कि यह पहली बार नहीं है. इससे पहले भी कई बार एम्स के सर्व, वेबसाइट्स, ईमेल आईडी हैक हो चुकी हैं यानी एम्स के सर्वर अब सुरक्षित नहीं रहे.
AIIMS सर्वर हैकिंग मामले में अब एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. पता चला है कि पहले भी कई बार AIIMS की वेबसाइट्स और ऑफिशियल ईमेल आईडी हैक हो चुके हैं. जानकारी में पता चला है कि जिन वेबसाइट को हैक किया गया था, वे भी बहुत संवेदनशील थीं. जिन सर्वर वेबसाइटों को हैक किया गया था, उनमें डॉक्टरों, मरीजों, एम्स अस्पताल का निजी, पर्सनल और मेडिकल डेटा था.
चौंकाने वाली बात यह है कि हैकर एम्स के निदेशक की वेबसाइट का भी सर्वर हैक कर चुके हैं. एम्स के निदेशक का ऑफिशियल मेल 2017 में हैक हुआ था. हैक किए गए डेटा में ईमेल पता, नाम, संपर्क और पासवर्ड शामिल थे. इसी तरह एम्स के रीसर्च सेक्शन, डीन, सुपरींटेंडेंट का वेबसाइट/मेल डेटा भी पिछले कुछ वर्षों में हैक और लीक हो चुका है.
23 नवंबर को एम्स के 5 प्रमुख सर्वर हैक कर लिए गए थे. इस घटना ने सबको हिलाकर रख दिया था. 11 दिन बाद भी सर्वर रिकवर नहीं हो सके हैं. हालांकि एम्स का दोबारा शुरू हो चुका है. यह हैकिंग चीन से हुई थी. वहीं एम्स ने यह भी साफ कर दिया है कि कोई डेटा चोरी नहीं हुआ है लेकिन इस तरह की हैकिंग से साफ हो गया है कि एम्स के सर्वर सुरक्षित नहीं हैं.
इनकी मेल आईडी हो चुकी है हैक
- मई 2022 में डेट ऑफ डीन की ईमेल आईडी हैक हो गई थी. जांच में पता चला था कि डेटा चोरी के लिए सर्वे वेबसाइट QuestionPro टारगेट पर थी. 22 मिलियन ईमेल आईडी वाले 100 GB से ज्यादा का डेटा कथित तौर पर IP पतों, ब्राउजर यूटर एजेंटों और सर्वे से जुड़े परिणामों के जरिए चोरी कर लिए गए थे.
- एम्स एमएस का सर्व 2019 और 2020 में हैक हो चुका है. नवंबर 2020 में Cit0day को कई हैकिंग फोरम पर डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध करा दिया गया था. Cit0day 23 हजार से ज्यादा ब्रीच्ड वेबसाइट्स का एक कलेक्शन है.इस डेटा में पासवर्ड, ईमेल आईडी थे.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
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