
Agniveer as Param Vir: क्या अग्निवीर बन पाएंगे 'परमवीर'? अब तक इन जवानों को मिल चुका है वीरता का 'सर्वोच्च सम्मान'
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Param Vir Chakra Winners: देश की सेवा और उसके लिए सर्वोच्च बलिदान देने की हिम्मत किसी ओहदे या कमीशन्ड नौकरी की मोहताज नहीं होती. जब भी किसी युद्ध में दुश्मनों की हालत पस्त करने का समय आया, तब वो जवान ही सीना तानकर सामने खड़े हुए जो कमीशन्ड नहीं थे. इतिहास तो यही बताता है. जानिए सर्वोच्च वीरता सम्मान हासिल कर चुके 9 महाबली जवानों की जो नॉन-कमीशन्ड थे या फिर जूनियर कमीशन्ड.
बहादुरी और देश की सेवा कमीशन्ड नौकरी नहीं देखती. फौज नौकरी नहीं है. वो आपसे सच्ची हिम्मत, अनुशासन और सेवा भाव मांगती है. फौज में जाना एक स्वेच्छा भाव है. जो जाना चाहता है, वो जाए. जो नहीं चाहता वो न जाए. ये बात तो देश के कई पूर्व जनरल भी बोल चुके हैं.
दुश्मन के सामने सीना तानकर खड़े रहना हो. उसके घर में घुसकर उसे मारना हो. तब मोर्चे पर सामने आते हैं वो जवान जो नॉन-कमीशन्ड या जूनियर कमीशन्ड होते हैं. वो ये नहीं देखते कि इस काम में उनकी जान बचेगी या नहीं. कुछ इसी तरह की नॉन या जूनियर कमीशन्ड भर्ती होगी अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के तहत अग्निवीरों (Agniveer) की.
'परमवीर' सुविधाएं नहीं, सर्वोच्च 'सफलता' देखते हैं
अग्निवीरों (Agniveer) के लिए फौज में चार साल सेवा करने के बाद नौकरी, आरक्षण, पढ़ाई के मौके और स्किल डेवलपमेंट के ऑफर आ रहे हैं. हजारों फौजियों ने देश के अलग-अलग ऑपरेशंस, युद्धों और मिशन में अपनी जान गंवाई है. मरने के बाद या फिर जीवित रहते हुए उन्हें कई बहादुरी सम्मान मिले हैं. सर्वोच्च बलिदान के लिए सर्वोच्च सम्मान यानी परमवीर चक्र से भी नवाजे गए हैं. इन जवानों ने कभी लंबी नौकरी, रिटायरमेंट के फायदे या सुकून की जिंदगी नहीं सोची या मांगी थी. पहले तो उतनी सुविधाएं, ट्रेनिंग कोर्सेस, सिक्योरिटी आदि नहीं थे. अब मिल रहे हैं.
ये सुविधाएं मिलने वाली हैं देश के नए अग्निवीरों को
अग्निवीरों (Agniveer) के लिए IGNOU सिविलियन करियर के लिए कस्टमाइज्ड डिग्री कोर्स करा रही है. फौज में काम करते समय ही आप एंटरप्रेन्योरशिप या सिविलियन जॉब के लिए स्किल इंडिया सर्टिफिकेशन हासिल कर सकते हैं. स्वरोजगार के लिए स्किल-अपग्रेडेशन पर क्रेडिट फैसिलिटी मिल रही है. मुद्रा और स्टैंड अप इंडिया जैसी स्कीम की सुविधाएं भी मिल रही हैं. पब्लिक सेक्टर के बैंक, इंश्योरेंस कंपनी और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस उपयुक्त क्रेडिट देने को तैयार हैं.

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