75 साल बाद PAK लौटी भारतीय महिला पर पाकिस्तानी लुटा रहे प्यार, कहा- लग रहा घर में हूं
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भारत, पाकिस्तान विभाजन के दौरान अपना वतन छोड़कर भारत आने वालों में 90 साल की रीना छिब्बर वर्मा भी थीं. उस समय रीना की उम्र महज 15 साल थी. वह भारत तो आ गई लेकिन उनका दिल रावलपिंडी में उनके पुश्तैनी घर में ही रहा. अब 75 साल बाद उनकी अपना पुश्तैनी घर देखने की इच्छा पूरी होने जा रही है.
भारत, पाकिस्तान विभाजन की टीस लिए 75 साल पहले अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आकर बसी 15 साल की एक लड़की को उम्मीद नहीं थी कि एक दिन वह रावलपिंडी के अपने उस घर लौटेगी, जहां वह पैदा हुई थी. अब 90 की हो चुकीं रीना छिब्बर वर्मा का यह सपना 75 साल बाद जाकर पूरा होने जा रहा है. वह 19 जुलाई को रावलपिंडी में अपने पुश्तैनी घर जाएंगी. पाकिस्तान में लोग उनका दिल खोलकर स्वागत कर रहे हैं और उन्हें भरपूर प्यार मिल रहा है.
1947 में रावलपिंडी से भारत पहुंचीं
महज 15 साल की रीना अपने परिवार के साथ मई से जुलाई 1947 में भारत पहुंची थीं. उस समय फरवरी-मार्च में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. पाकिस्तान के रावलपिंडी के अपने घर से 75 सालों से जुदा रही रीना कहती हैं, मैं अपने पुश्तैनी घर, मेरे पड़ोस और पिंडी की गलियों की यादें नहीं मिटा सकी.
वह रावलपिंडी से सोलन (भारत) के अपने सफर को याद कर उदास हो जाती हैं. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि भारत की सीमा में घुसते ही पाकिस्तान के दरवाजे उनके लिए बंद हो जाएंगे और वापस अपने घर लौटने में उन्हें 75 साल लगेंगे.
पिता एक पोटली के साथ भारत आए थे
वह कहती हैं, मेरी मां अपनी आखिरी सांस तक यही कहती रही कि हम कभी पिंडी नहीं लौट सकेंगे. मेरे पिता भारत सिर्फ एक पोटली के साथ आए थे, जो रास्ते में चोरी हो गई थी या किसी ने उसे छीन लिया था. विभाजन की वजह से उन्होंने अपनी जिंदगी में जो कुछ भी बनाया था, वह एक झटके में हमसे छीन गया.
दो सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के फिलहाल रुकने के कोई आसान नहीं. इस बीच पिछले अक्टूबर से हमास और इजरायल में जंग छिड़ चुकी. अफ्रीकी देशों समेत मिडिल ईस्ट में सिविल वॉर जारी है. माना जाता है कि इंटर-स्टेट यानी दो देशों के बीच लड़ाई सालभर से ज्यादा चल जाए तो अगले 10 सालों तक सीमा पर झड़पें कॉमन हैं.