300 किसान संगठन, अलर्ट पर यूपी पुलिस, मुजफ्फरनगर महापंचायत में आज हुंकार भरेंगे अन्नदाता
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किसानों ने 500 लंगर शुरू किए इसके अलावा 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए जा रहे हैं वहीं महापंचायत को ठीक ढंग से करने के लिए 5000 वॉलंटियर बनाए गए हैं. जीआईसी मैदान में होने वाली किसान महापंचायत को आसपास के मैदानों से भी लाइव देखा जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रविवार को किसान महापंचायत होने वाली है. जानकारी के मुताबिक महापंचायत में देशभर के 300 से अधिक किसान संगठन शामिल हो रहे हैं. 60 किसान संगठन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से हैं. ऐसे में एक तरफ जहां महापंचायत में भाग लेने के लिए हजारों किसान मुजफ्फरनगर पहुंचने लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ महापंचायत को देखते हुए यूपी पुलिस भी अलर्ट पर है. वहीं किसानों ने 500 लंगर शुरू किए हैं. इसके अलावा 100 चिकित्सा शिविर भी लगाए जा रहे हैं. साथ ही महापंचायत को ठीक ढंग से करने के लिए 5000 वॉलंटियर भी बनाए गए हैं. जीआईसी मैदान में होने वाली किसान महापंचायत को आसपास के मैदानों से भी लाइव देखा जा सकता है.कई जिलों की पुलिस बुलाई गई अपर पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक रईस अख्तर भी पंचायत के दौरान मुजफ्फरनगर में मौजूद रहेंगे. इसके अलावा एसपी संजीव वाजपेई, एसपी शिवराम यादव की तैनाती की गई है. साथ ही सीओ चमन चावड़ा, अरुण कुमार, पीपी सिंह भी तैनात किए गए हैं. मुजफ्फरनगर में कोई अप्रिय घटना ना हो, इसके लिए कई जिलों की पुलिस बुलाई गई है. इसके अलावा पंजाब की फार्म संगठनों ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे वापस लेने के लिए पंजाब सरकार को 8 सितंबर की समय सीमा दी है. दूसरी तरफ भाजपा और सहयोगी दलों के नेताओं के खिलाफ काले झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन भी जारी है. जिसमें हिमाचल प्रदेश के किसानों ने शुक्रवार को कृषि एवं बागवानी मंत्री का घेराव किया. इस पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध जारी है. यह अब हिमाचल प्रदेश में भी फैल गया है. शुक्रवार को सेब के दामों में आई तेज गिरावट को लेकर हिमाचल प्रदेश के ठियोग के फल किसानों ने हिमाचल प्रदेश के कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कई घंटों तक घेराव किया और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया.क्लिक करें- मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत को लेकर सिक्योरिटी टाइट, टिकैत बोले- रोका तो तोड़कर जाएंगेहिमाचल में भी प्रदर्शन हिमाचल के किसानों ने 13 सितंबर को कॉर्पोरेट लूट के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की है. वहीं नासिक में किसानों ने टमाटर के लिए दो-तीन रुपये प्रति किलो की मामूली कीमत मिलने पर सड़कों पर टमाटर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया. मोर्चा ने कहा है कि टमाटर हो या सेब, सभी फलों, सब्जियों, कृषि उत्पादों, वनोपज, दूध, मछली की एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने की जरूरत है. इसलिए 600 किसानों की शहादत के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा.मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का शुभारंभ संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत मिशन उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड का शुभारंभ करेगी. वहीं यह भी कहा गया कि महापंचायत का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. चुनाव 6 महीने बाद हैं. उत्तर प्रदेश में किसानों को परेशानी हो रही है. पिछले 5 साल से राज्य में गन्ने के दाम नहीं बढ़े हैं, लेकिन बिजली के दाम बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने गन्ने के दाम में 5 रु प्रति किलो की बढ़ोतरी की है. क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं. क्लिक करें- कल 300 से ज्यादा संगठन होंगे शामिल, क्या है Tikait का Mahapanchayat वाला प्लान?राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.