
27 साल बाद 5 कत्ल, हर लाश पर 2-2 गोलियां और एक अजीब बदला... वाराणसी में हुए एक करोड़पति फैमिली के मर्डर की Inside Story
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फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का एक मशहूर डायलॉग था, जिसमें मां-बाप, चाचा-दादा का बदला लेने की बात कही गई थी. उस फिल्म का वही डायलॉग इस वक्त वाराणसी में हरेक की जुबान पर है. खुद पुलिस उस फिल्मी डायलॉग और वाराणसी में हुए एक ही परिवार के पांच कत्ल से जोड़े जा रहे कनेक्शन को लेकर कनफ्यूज है.
एक अजीब बदला... कई साल पहले आई फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का एक मशहूर डायलॉग था, जिसमें मां-बाप, चाचा-दादा का बदला लेने की बात कही गई थी. उस फिल्म का वही डायलॉग इस वक्त वाराणसी में हरेक की जुबान पर है. खुद पुलिस उस फिल्मी डायलॉग और वाराणसी में हुए एक ही परिवार के पांच कत्ल से जोड़े जा रहे कनेक्शन को लेकर कनफ्यूज है. कनफ्यूजन ये है कि क्या पांच नवंबर को वाराणसी में हुए पांच कत्ल के तार 27 साल पहले हुए चार क़त्ल से जा कर जुड़ते हैं? और क्या 27 साल पहले जिस बच्चे ने अपनी आंखों के सामने अपने मां-बाप और दादा का कत्ल होते देखा था, 27 साल बाद उसी बच्चे ने अब जवान हो कर मां का, बाप का, दादा का बदला लिया है? ये कहानी एक ऐसे परिवार की है, जिसकी खूनी शुरुआत जिस शख्स ने की उसका खूनी अंत उसके मौत के साथ हुआ.
मंगलवार 5 नवंबर भदैनी, वाराणसी
वाराणसी के करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता के परिवार में इस रोज़ एक बड़ी वारदात हुई. एक ऐसी वारदात, जिसने सिर्फ भदैनी ही नहीं बल्कि पूरे बनारस के लोगों को हिला के रख दिया. राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता, उनके दो बेटे नवनेंद्र और सुबेंद्र और बेटी गौरांगी की किसी ने उनके घर में घुस कर गोली मार कर हत्या कर दी थी. पुलिस को जब इस वारदात की खबर मिली, तो उसने मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने गौर किया कि सभी के सिर और सीने में एक-एक गोली मारी गई थी. जबकि इतनी बड़ी वारदात के बावजूद हैरानकुन तरीके से घर के मुखिया यानी राजेंद्र गुप्ता गायब थे.
ऐसे में सभी को ये लगने लगा कि शायद इन चार कत्ल के पीछे राजेंद्र गुप्ता का ही है, जिसने किसी वजह से अपने पूरे परिवार की जान ले ली और खुद फरार हो गया. लेकिन इस मामले में आखिरी नतीजे पर पहुंचने से पहले पुलिस के लिए इस बात की तस्दीक जरूरी थी. अब पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता के मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस करने की शुरुआत की. और फोन की लोकेशन मौका ए वारदात से दूर रोहनिया के मीरापुर-रामपुर गांव में मिली. अब पुलिस सोच में थी कि जिसके पूरे परिवार का कत्ल हो गया, वो शहर से दूर एक गांव में आखिर क्या कर रहा है? खैर पुलिस की एक टीम फौरन मीरापुर-रामपुर गांव के लिए रवाना हुई.
मोबाइल की लोकेशन के मुताबिक वो एक अंडर कंस्ट्रक्शन वाले मकान में पहुंची. यहां पुलिस को जो कुछ मिला, वो और भी हैरान करने वाले था. इस मकान के अंदर बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की लाश पड़ी थी. ठीक अपने परिवार के बाकी लोगों की तरह उसके भी सिर और सीने में एक-एक गोली लगी थी, लेकिन जो बात परिवार के बाकी लोगों से अलग थी, वो थी राजेंद्र गुप्ता की लाश का बिल्कुल बिना कपड़ों के होना. राजेंद्र गुप्ता इस हाल में मिली लाश ने इस केस को मानों अचानक से पलट दिया. क्योंकि अब तक पुलिस ये मान कर चल रही थी कि गुप्ता ने ही अपने पूरे परिवार की हत्या की होगी.

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