2024 में NDA से मुकाबले के लिए विपक्ष का नया प्लान, 'INDIA' बनाकर दिए 5 संदेश
AajTak
इनमें अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, सिद्दारमैया जैसे नेता शामिल हैं. यहां विपरीत विचारधाराओं से जुडे़ कई दल दिखे, जो राज्य में एक-दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन हैं. अब तक सब अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, एक नई पहचान और एक नए नाम के साथ.
भारतीय राजनीति में विपक्षी एकता के लिए 18 जुलाई का दिन हमेशा याद किया जाएगा. आज 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया इसके साथ ही 2004 में बने UPA का सियासी अस्तित्व खत्म हो गया. अब यूपीए अतीत की बात हो गई और भारतीय राजनीति में एक नए गठबंधन ने आकार ले लिया है. तो क्या चुनावी इतिहास में जैसा कमाल 1977 और 1989 में एकजुट विपक्ष ने किया था, वैसा नया गठबंधन कर पाएगा. आइए आपको टीम इंडिया और टीम एनडीए की शक्ति के बारे में बताते हैं.
मंच तो एक है लेकिन दल अनेक हैं. यहां देश के वो तमाम क्षेत्रीय क्षत्रप मौजूद हैं, जिन्होंने अपने दम पर मोदी मैजिक को अपने गढ़ में रोका है. इनमें अरविंद केजरीवाल, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, सिद्दारमैया जैसे नेता शामिल हैं. यहां विपरीत विचारधाराओं से जुडे़ कई दल दिखे, जो राज्य में एक-दूसरे के कट्टर सियासी दुश्मन हैं. अब तक सब अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन अब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, एक नई पहचान और एक नए नाम के साथ.
विपक्ष का नया नाम INDIA
आज 26 दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया. नाम है इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस. शॉट फॉर्म में समझे तो 26 दलों के गठजोड़ का नाम हैं इंडिया. गठबंधन का नाम तय हो गया लेकिन इन तस्वीरों का सियासी मतलब क्या हैं? विपक्षी एकता को लेकर दो दिवसीय मंथन से 24 के लिए क्या प्लान निकला? विपक्षी एकता सम्मेलन में नेताओं के हाथ मिले लेकिन क्या दिल मिले? इन सवालों का जवाब विपक्षी एकता की इन तस्वीरों में छिपा हुआ हैं, क्योंकि 2024 के लिए विपक्षी दलों ने मोदी को बड़ा संदेश दे दिया है.
संदेश नंबर-1
विपक्षी एकता पर तमाम तरह की कयासबाजी पर पूर्ण विराम लग गया है. अब तक सबसे बड़ा सवाल यही था कि विपक्षी एकता कैसे संभव है. पटना में हुई पहली बैठक में अध्यादेश को लेकर केजरीवाल वापस लौट गए थे तो पहली बैठक के चंद दिनों के बाद NCP में फूट पड़ गई थी, लेकिन दूसरी बैठक में ना सिर्फ गठबंधन का नाम तय हो गया बल्कि तस्वीरों ने बता दिया कि 2024 में मोदी के खिलाफ ऑल बनाम मोदी की चुनावी जंग के लिए सभी सीरियस हैं. वही कांग्रेस सभी को एकजुट करने के लिए हर कुर्बानी के लिए तैयार है.
aajtak e-चुनाव के सर्वे में करीब सवा लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से लगभग 73% लोगों ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लगातार तीसरी बार सत्ता में देखने की इच्छा जताई जबकि विपक्षी इंडिया ब्लॉक को लगभग 23% वोट मिले. करीब 4 फीसदी वोट अन्य को मिले. अगर इन वोटों को सीटों में बांट दिया जाए तो एनडीए को 397 सीटें मिलने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि BJP बड़े अंतर से जीतेगी. शिवराज ने ये भी कहा कि लोग इस अंतर को देखकर आश्चर्यचकित होंगे. उन्होंने दावा किया कि BJP छिंदवाड़ा सीट भी जीतेगी. उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण के राज्यों में BJP को सफलता मिलेगी.
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में एनडीए को 361-401 सीटें और इंडिया ब्लॉक को 131-166 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. अन्य को 8 से 20 सीटें मिल सकती हैं. राज्यों की बात करें तो इस बार आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. केरल में भी बीजेपी का खाता खुलने की उम्मीद है.
Exit Poll: ममता और बसपा का एकला चलो, BRS का सफाया... 5 सियासी फैक्टर जो मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बने
एग्जिट पोल में तीसरी बार मोदी सरकार के अनुमान जताए गए हैं. इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 361 से 401 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. पांच पॉइंट में समझिए वो सियासी फैक्टर जो एग्जिट पोल में पीएम मोदी की हैट्रिक की सीढ़ी बनते दिख रहे हैं.
दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है. राहुल गांधी कांग्रेस के मुख्यालय पहुंच चुके हैं और नीतीश कुमार पटना से दिल्ली आ रहे हैं. एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आए हैं, इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने 295 सीटों का अपना एग्जिट पोल दिया था. राहुल गांधी और नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में अपनी उपस्थिति और सियासी हलचल ने राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ा दिया है.