
20 जगह एयरस्ट्राइक, 21 बेकसूरों ने गंवाई जान... अफगानिस्तान की एक कमजोरी का पाकिस्तान ने उठाया फायदा!
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पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच आठ अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. यह संघर्ष पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग (ISPR) ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक हफ्ते की जंग से दोनों मु्ल्कों पर असर पड़ा है. लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा अफगानिस्तान में किए गए एयरस्ट्राइक से अफगानी संपत्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के भारत दौरे के दौरान पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कंधार और नांगरहर में पांच एयरस्ट्राइक की और इससे अफगानी संपत्तियों को बहुत नुकसान पहुंचा है.
मुत्तकी के भारत पहुंचने के एक दिन बाद नौ अक्तूबर को पाकिस्तानी वायुसेना ने काबुल पर बिना किसी उकसावे के एयरस्ट्राइक शुरू की. इससे गुस्साई तालिबान सरकार ने डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट करना शुरू किया, जिसमें दर्जनों सैनिकों की मौत हो गई जबकि कई घायल हुए.
अफगानिस्तान के पास कोई हवाई रक्षा या हवाई हमले की क्षमता नहीं है. इसका मतलब है कि संसाधन संपन्न पाकिस्तानी वायुसेना के लिए रास्ता खुला था.
अमेरिकी जियोस्पैटियल फर्म वैंटोर की हाई-रेजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक जिले में टिन के शेड की तीन बड़ी कतारें पूरी तरह से नष्ट हो गई. स्पिन बोल्डक जिला पाकिस्तान के बलूचिस्तान की सीमा से सटा है. पाकिस्तान ने दावा किया कि अस्मत उल्लाह करार कैंप आतंकवादियों का अड्डा था.

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