
165 लीटर का फ्रिज, लाश के टुकड़े और कत्ल की गुत्थी... दिल दहला देगी बेंगलुरु के 'श्रद्धा मर्डर केस' की कहानी
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लाश के कई टुकड़े तो फ्रिज के बाहर उस कमरे के फर्श तक पर बिखरे पड़े थे. खुद बेंगलुरु पुलिस को याद नहीं कि उन्होंने इससे पहले कभी इतना ख़ौफनाक या दहला देने वाला मंजर या यूं कहें कि क्राइम सीन देखा हो.
Mahalakshmi Murder Mystery: दिल्ली का श्रद्धा वाकर मर्डर केस आज भी लोग भूले नहीं है. 27 साल की श्रद्धा को उसके 28 साल के प्रेमी और लिव-इन पार्टनर आफ़ताब अमीन पूनावाला ने 18 मई 2022 को मार डाला था. इसके बाद उसने श्रद्धा की लाश को ठिकाने का जो तरीका अपनाया था, उसे जानकर पुलिस ही नहीं बल्कि पूरा देश सन्न रह गया था. ठीक उसी तरह अब बेंगलुरु में कत्ल का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसे जानकर किसी भी आम इंसान के होश उड़ सकते हैं.
बेंगलुरु का व्यालीकवल इलाका. 6 क्रॉस पाइप लाइन रोड पर मौजूद एक तीन मंजिला बिल्डिंग. और उस इमारत के कमरे में रखा 165 लीटर मॉडल का एक सिंगल डोर फ्रिज. उसी फ्रिज में पूरे 19 दिनों तक 29 साल की महालक्ष्मी की लाश के करीब 30 से 40 टुकड़े बंद थे. 30 से 40 टुकड़े इसलिए क्योंकि कई टुकड़े तो फ्रिज के बाहर उस कमरे के फर्श तक पर बिखरे पड़े थे. खुद बेंगलुरु पुलिस को याद नहीं कि उन्होंने इससे पहले कभी इतना ख़ौफनाक या दहला देने वाला मंजर या यूं कहें कि क्राइम सीन देखा हो. शुरुआत में तो खुद पुलिस वाले इस कमरे में जाने की बजाय उल्टे पांव लौट गए थे. कमरे में टुकड़ों की शक्ल में सबूत ऐसे बिखरे पड़े थे कि बेंगलुरु की फॉरेंसिक टीम को भी उसे समेटने के लिए सरकारी अस्पताल के मेडिकल स्टाफ को बुलाना पड़ा.
पांच महीने से किराए पर रह रही थी महालक्ष्मी दरअसल, करीब 19 दिन बाद इस कमरे का दरवाज़ा बीते शनिवार यानी 21 सितंबर को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे खुला था. उस बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर पांच महीने पहले ही महालक्ष्मी किरायेदार के तौर पर रहने आई थी. नेपाल की रहने वाली महालक्ष्मी वहां अकेली रहती थी. पड़ोसी भी उसे नहीं जानते थे. वजह ये थी कि हर रोज़ वो सुबह साढ़े नौ बजे घर से निकलती और रात साढ़े दस के बाद ही घर लौटती. महालक्ष्मी की मां और बहन बेंगलुरु में रहते हैं. दो सितंबर के बाद अचानक महालक्ष्मी का फोन बंद हो गया. उसकी मां और बहन लगातार फोन करते रहे, पर बात नहीं हो रही थी.
पड़ोसियों ने की थी बदबू की शिकायत इसी बीच 20 सितंबर को कुछ पड़ोसियों ने बिल्डिंग के मालिक को शिकायत करते हुए बताया कि बंद पड़े महालक्ष्मी के घर के अंदर से अजीब सी बदबू आ रही है. रेंट एग्रिमेंट के वक़्त इमरजेंसी कॉन्टैक्ट के तौर पर महालक्ष्मी ने बेंगलुरु में ही रहने वाली अपनी मां और बहन का पता और फोन नंबर दिया था. मकान मालिक ने महालक्ष्मी की मां को फोन किया और उन्हें महालक्ष्मी के घर से आ रही बदबू के बारे में जानकारी दी. बीते 19 दिनों से वैसे ही महालक्ष्मी से मां की बात नहीं हुई थी. मकान मालिक की बात सुन कर वो घबरा गई. महालक्ष्मी के घर की एक चाबी मां के पास रहती थी. वो फौरन चाबी लेकर अपनी दूसरी बेटी के साथ महालक्ष्मी के साथ घर पहुंची.
फर्श पर पड़ा था खून और मांस के टुकड़े मकान मालिक और पड़ोसियों की मौजूदगी में घर का दरवाजा खोला गया. लेकिन दरवाज़ा खुलते ही अंदर से इतनी तेज़ बदबू आई कि सभी पीछे हट गए. कुछ देर बाद हिम्मत कर फिर से वो अंदर गए. फर्श पर हर तरफ खून के निशान थे. मांस के छोटे-छोटे लोथड़े यहां वहां पड़े थे. और खून की एक सूखी हुई लकीर कमरे में रखे फ्रिज तक जा रही थी. जैसे ही फ्रिज का दरवाजा खुला एक चीख के साथ सभी लोग उल्टे पैर कमरे से बाहर की तरफ भागे. उस एक पल में उन्होंने जो कुछ फ्रिज के अंदर देखा, वो दहलाने वाला था.
फ्रिज में रखे थे दो इंसानी पैर और एक सिर मकान मालिक सब कुछ समझ चुका था. उसने फौरन पुलिस को फोन किया. आनन-फानन में पुलिस भी मौके पर पहुंची. अब पुलिस कमरे में दाखिल हुई. लेकिन बदबू इतनी तेज थी कि उनसे रुका नहीं गया. पुलिस टीम भी बाहर निकल आई. फिर डबल मास्क मंगाया गया. डबल मास्क पहनकर फिर से पुलिस कमरे में गई. फ्रिज का दरवाजा खुला था. सामने सबकुछ दिख रहा था. फ्रिज के सबसे ऊपरी खाने में दो इंसानी पैर रखे थे. बीच के खाने में इंसानी जिस्म के अलग-अलग हिस्से और सबसे निचले खाने में रखा था एक सिर... महालक्ष्मी का सिर.

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