
15 फोन कॉल, 3 लाख की रिश्वत और गुनहगार की 'बेगुनाही'... पुणे पोर्श कांड में सीक्रेट डील की Inside Story
AajTak
किसी 'खूनी दैत्य' की तरह बीच सड़क पर दो बेगुनाहों को कुचल देने वाली पोर्श कार को लेकर 19 मई की सुबह पूरे पुणे शहर में हाहाकार मचा हुआ था. हर तरफ लोग इसी हादसे की चर्चा कर रहे थे. वारदात की तस्वीरें सुर्खियां बन गई थीं. लेकिन इन सबके बीच पुणे शहर में ही एक शख्स नाबालिग आरोपी को ही बचाने के लिए 'अंडर द टेबल' डील करने में लगा था.
Pune Porsche Car Case: पुणे में पोर्श कार के एक्सीडेंट के तुरंत बाद 19 मई की सुबह एक सीक्रेट डील हुई. वो सीक्रेट डील, जिसमें एक तरफ नाबालिग आरोपी के घरवाले थे, तो दूसरी तरफ ससुन अस्पताल के डॉक्टर. इस डील के लिए आरोपी के घरवालों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों से फोन पर 15 बार खुफिया तरीके से बातचीत की. तय हुआ कि डॉक्टर नशे में होने के इ्ल्ज़ाम से नाबालिग आरोपी को 'क्लीन चिट' दे देंगे. लेकिन तब शायद उन्हें ये नहीं पता था कि पुलिस उनके इस सीक्रेट डील को क्रैक करने के लिए एक बैकअप प्लान के साथ तैयार बैठी है. चलिए आपको बताते हैं, 19 मई की सुबह हुई उसी सीक्रेट डील का एक-एक सच!
'अंडर द टेबल' डील किसी 'खूनी दैत्य' की तरह बीच सड़क पर दो बेगुनाहों को कुचल देने वाली पोर्श कार को लेकर 19 मई की सुबह पूरे पुणे शहर में हाहाकार मचा हुआ था. जिस तरफ देखो लोग इसी हादसे की चर्चा कर रहे थे, वारदात की तस्वीरें सुर्खियां बन कर टीवी पर छाने लगी थीं. लेकिन इन सबके बीच पुणे शहर में ही एक शख्स ऐसा भी था, जो इस हादसे में नाबालिग आरोपी को ही बचाने के लिए उसके पिता से 'अंडर द टेबल' डील करने में लगा था. पिता उसे रुपयों का लालच दे रहा था, उसकी ईमानदारी की बोली लगा रहा था और वो हर बार अपनी मांग बढ़ाता जा रहा था.
ब्लड सैंपल बदलने की साज़िश पुणे क्राइम ब्रांच की मानें तो ये शख्स कोई और नहीं बल्कि पुणे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल यानी ससुन जनरल अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसीन डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर अजय तावड़े थे, जो नाबालिग आरोपी के पिता के साथ मिलकर आरोपी लड़के का ब्लड सैंपल ही बदल देने की साज़िश रच रहे थे. और अपने दो मातहतों के मदद से बाद में उन्होंने ऐसा किया भी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस मामले की जांच कर रही पुणे पुलिस ने एक बैकअप प्लान तैयार कर रखा है. और उसी बैक-अप प्लान ने डॉक्टर साहब का भांडा फोड़ दिया.
डॉ. तावड़े से फोन पर 15 बार बातचीत क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो 19 तारीख को एक्सीडेंट की खबर आम होने और नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिए जाने के साथ ही उसका पूरा परिवार 'छोटे' को बचाने के लिए एक्टिव हो चुका था. आरोपी के पिता ने अपने किसी जानकार के हवाले से पहले एक बार डॉक्टर तावड़े से बात की और उसके बाद तो फिर इस मामले को सेटल करने के लिए दोनों के बीच लगातार बातचीत होती रही. क्या आप यकीन करेंगे कि उस रोज़ सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर सुबह के ही दस बज कर चालीस मिनट तक आरोपी के पिता और डॉक्टर तावड़े के बीच कुल 15 बार बातचीत हुई. इसमें जहां एक कॉल सामान्य कॉल थी, वहीं बाकी के सभी के सभी कॉल फेसटाइम पर किए गए. लेकिन जब ब्लड सैंपल चेंज किए जाने का खुलासा हुआ मामले की जांच आगे बढ़ी, तो पर्दे के पीछे चल रहे इस खेल का भी खुलासा हो गया.
दो डॉक्टरों पर ऐसे गिरी गाज नाबालिग आरोपी के घरवालों की तरफ से पूरे सिस्टम को हैक करने की साज़िश अब आरोपी और उसके घरवालों के साथ-साथ उन लोगों पर भी भारी पड़ने लगी है, जो चंद सिक्कों की खनक सुन कर सिस्टम में रह कर सबकुछ हैक करवा देने को तैयार रहते हैं. नाबालिग आरोपी के पिता से रिश्वत में लाखों रुपये लेकर आरोपी का ब्लड सैंपल ही चेंज कर देने वाले डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर को बुधवार को जहां नौकरी से हटा दिया गया, वहीं उसके सीनियर और बल्ड सैंपल चेंज करने की साज़िश के किंगपिन डॉक्टर अजय तावड़े के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई के लिए डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च को लिखा गया. पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक इन दोनों डॉक्टरों के अलावा उनके डिपार्टमेंट के एक चपरासी को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर रुपये लेकर खून बदलने का इल्जाम है.
चपरासी के ज़रिए ली गई रिश्वत क्राइम ब्रांच के सूत्रों की मानें तो अब तक की छानबीन में ये साफ हुआ है कि खून बदलने की इस साज़िश के लिए नाबालिग आरोपी के पिता ने 3 लाख रुपये दिए थे. जिनका डॉक्टरों ने आपस में बंदरबांट कर लिया था. लेकिन अब पता चला है कि वो तीन लाख रुपये तो डॉक्टर तावड़े के दो मातहत यानी डॉक्टर हल्नोर और डिपार्टमेंट के पिऊन ने ही ढाई लाख और पचास हज़ार रुपये के तौर पर ले लिया था. डॉक्टर तावड़े को तो अलग से रिश्वत दी गई, जिसकी राशि कितनी है, ये अभी पुलिस पता भी नहीं कर सकी है. पुलिस ने वो तीन लाख रुपये डॉक्टर हल्नोर के घर से और अस्पताल के कर्मचारी अमित के पास से बरामद कर लिए हैं. लेकिन रिश्वत में खुद को मिली रकम को लेकर डॉ. तावड़े ने अभी अपना मुंह सी रखा है.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.

इंडिगो के ऑपरेशनल संकट का असर 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ. देश के कई बड़े एयरपोट्स पर आज सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गईं, जिससे हजारों यात्री परेशान देखे गए. कई एयरपोर्ट पर यात्रियों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. कुछ जगह इंडिगो के काउंटर्स पर सहयोग ना करने की शिकायतें सामने आईं. कंपनी लगातार शेड्यूल में बड़े बदलाव कर रही है. अब तक 11 बड़े एयरपोर्ट्स पर कुल 571 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं.






