100 दिनों में दिखे किसान आंदोलन के रंग, मौसम की रंगत-फोकस भी बदला!
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सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े के कुछ दिनों बाद यूपी बॉर्डर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों का जमघट लगना शुरू हुआ. हालांकि नवंबर के आखिर और दिसंबर की शुरुआत में तो यूपी बॉर्डर सिर्फ नाम भर को था कि किसान वहां भी जमा हैं.
किसान पिछले 100 दिनों से दिल्ली की सरहद पर डटे हैं. इन 100 दिनों में मौका, मौसम और माहौल के साथ फोकस भी बदला. गम, गुस्सा और गणित सभी में कभी तोला कभी माशा और कभी रत्ती का बदलाव दिखा. जब 25 नवंबर को आंदोलन के लिए किसानों का आना शुरू हुआ था तो दिल्ली और एनसीआर में गुलाबी सर्दी दस्तक दे रही थी. फोकस सिंघु बॉर्डर पर ही था. एक और जमावड़ा टीकरी बॉर्डर पर भी लगा, लेकिन सिंघु बॉर्डर पर पुलिस किसान टकराव इस कदर हुआ कि देश-दुनिया में पानीपत और हल्दीघाटी या तराइन की तरह सिंघु बॉर्डर का नाम लोगों को रट गया.More Related News
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.