सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान ने खाया जहर, अस्पताल में दम तोड़ा
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सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया. इलाज के लिए उन्हें सोनीपत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई.
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले डेढ़ महीने से जारी है. इस दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है. शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर 40 साल के एक किसान ने आत्महत्या कर ली. पंजाब के रहने वाले अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया. इलाज के लिए उन्हें सोनीपत के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. 40 से ज्यादा दिनों से जारी इस आंदोलन के दौरान अब तक कई किसानों की मौत हो चुकी है. कुछ किसानों की ठंड के कारण मौत हुई तो कुछ ने खुदकुशी कर ली. 3 जनवरी को टिकरी और कुंडली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे दो किसानों की मौत हो गई थी. पहली मौत टिकरी बॉर्डर पर हुई. यहां मृतक किसान की पहचान जुगबीर सिंह के रूप में हुई. जबकि दूसरे किसान की मौत कुंडली बॉर्डर पर हुई. इनकी पहचान कुलबीर सिंह के रूप में हुई.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.