हिंदू धर्म पर यूं ही बेकाबू नहीं हैं स्वामी प्रसाद मौर्य के बोल, बयानबाजी के पीछे वोटों का भी है गणित
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समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयान से फिर विवादों में आ गए हैं. स्वामी के ताजा बयान के बाद सवाल ये उठ रहे हैं कि ये महज संयोग है या सपा का कोई सियासी प्रयोग? स्वामी के बोल हिंदू धर्म को लेकर यूं ही बेकाबू नहीं हैं. उनकी बयानबाजी के पीछे भी वोटों का गणित है.
2024 के लोकसभा चुनाव करीब हैं. विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेता सीट शेयरिंग से लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को रोकने की रणनीति तक, मंथन में जुटे हैं. वहीं, सीटों के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में गठबंधन के नेतृत्व की दावेदारी कर रही समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए उसके ही नेता का बयान गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया, फिर अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बता दिया. हाल ही में दिवाली के समय भी स्वामी प्रसाद के माता लक्ष्मी को लेकर दिए बयान पर भी सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया था और अब उन्होंने कहा है कि हिंदू धर्म नहीं, एक धोखा है.
स्वामी प्रसाद के बयान से सपा पल्ला झाड़ रही है तो वहीं अब इंडिया गठबंधन की उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी इसे लेकर मोर्चा खोल दिया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने मांग की है कि सपा स्वामी के खिलाफ कार्रवाई करे. सपा भी बैकफुट पर आ गई है. सपा सांसद डिंपल यादव ने स्वामी प्रसाद के इस बयान को उनकी निजी राय बताते हुए कहा है कि पार्टी उनके इस बयान का किसी भी सूरत में उनके इस बयान का समर्थन नहीं करती. वहीं, सपा विधायक पवन पाण्डेय ने सफाई देते हुए कहा है कि सपा हिंदू विरोधी नहीं है. अखिलेश यादव कई मौकों पर यह कह चुके हैं कि सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है.
स्वामी के इस बयान से एक दिन पहले ही लखनऊ में सपा का ब्राह्मण सम्मेलन हुआ था. इस सम्मेलन में भी सपा नेताओं ने अखिलेश के सामने इस तरह के बयानों का मुद्दा उठाया था और नाराजगी जताई थी. अखिलेश यादव ने इस तरह के बयानों पर अंकुश लगाने की बात कही थी. लेकिन इसके अगले ही दिन स्वामी प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए नया बयान दे दिया जिससे नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. अब सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या स्वामी प्रसाद ने ये बयान ऐसे ही दिया या इसके पीछे कोई सियासी रणनीति है? इसकी चर्चा से पहले ये जान लेना भी जरूरी है कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने क्या बयान दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू धर्म नहीं, एक धोखा है. मैं जब भी ये बात कहता हूं, लोगों की भावनाएं आहत हो जाती हैं लेकिन जब मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कहते हैं, तब किसी को कुछ नहीं होता. उन्होंने ये भी कहा कि साल 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं, जीवनशैली है. मोहन भागवत ने भी एक नहीं, दो-दो बार कहा कि हिंदू कोई धर्म नहीं बल्कि जीवनशैली है. पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि हिंदू धर्म, धर्म नहीं है.
यूं ही बेकाबू नहीं स्वामी के बोल
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