हारकर भी पलानीस्वामी ने साबित किया, भले ही 'एक्सीडेंटल CM'हों, पर जयललिता के वारिस वहीं है
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एक पार्टी जिसकी जड़ें फिल्मी दुनिया से आती है. जहां 'लार्जर दैन लाइफ' छवि का बोलबाला है. जिसकी स्थापना एमजी रामचंद्रन ने की है और जिसकी उत्तराधिकारी अभिनेत्री से नेत्री बनीं जयललिता थीं, उस पार्टी का जयललिता से पलानीस्वामी तक का ट्रांजिशन आसान नहीं था.
तमिलनाडु से AIADMK की विदाई देखकर किसी को हैरानी नहीं हुई, अलबत्ता पलानीस्वामी का परफॉर्मेंस देखकर लोग जरूर चौंके. एग्जिट पोल में उन्हें खारिज कर दिया गया था. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी की अगुवाई में AIADMK ने केवल सम्मानजनक नतीजे दिए, बल्कि इन धारणाओं को भी खारिज कर दिया कि इस चुनाव के बाद AIADMK के राजनीतिक अस्तित्व पर ही संकट आ सकता है. इस विधानसभा चुनाव में AIADMK ने अकेले 66 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी ने 4 सीटों पर जीत हासिल की, इसके अलावा पीएमके ने 5 सीटों पर जीत पाई है. कुल मिलाकर 234 सदस्यों वाली विधानसभा में AIADMK नेतृत्व 75 सीटें जीतने में कामयाब रही है. एक बार तो रुझानों के वक्त ये गठबंधन 100 का आंकड़ा पार कर गई थी. हालांकि अंतिम नतीजों में पार्टी में पीछे चल गई. राज्य में डीएमके गठबंधन 150 से ज्यादा सीटें जीतकर 10 साल बाद राज्य की सत्ता में वापसी कर रहा है.लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम दौर में पंजाब की 13 सीटों पर मतदान होना है. नेता पंजाब में धुआंधार रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच लुधियान में 84 दंगा पीड़ितों ने राहुल गांधी की रैली से पहले प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार में बीजेपी पर जमकर निशाना साधते नजर आए. देखें पंजाब आजतक.
विशेष जांच दल के सूत्रों के अनुसार, जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के 31 मई को बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है. उसने लुफ्थांसा एयरलाइंस की म्यूनिख से बेंगलुरु की फ्लाइट बुक की है. एक अधिकारी ने कहा, 'फ्लाइट गुरुवार दोपहर म्यूनिख से रवाना होगी और शुक्रवार देर रात 12:05 बजे बेंगलुरु में लैंड करेगी.'
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर एक मूल परिपत्र (master circular) जारी करते हुए साफ कर दिया है कि बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर नकदी-रहित इलाज की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा. इरडा ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर मास्टर परिपत्र ने पहले जारी किए गए 55 परिपत्रों को निरस्त कर दिया है और यह पॉलिसीधारकों के सशक्तीकरण और समावेशी स्वास्थ्य बीमा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.