
हर 11वां अमेरिकी कभी न कभी कर चुका चोरी, शॉपलिफ्टिंग करने वालों का दिमाग कैसे करता है काम?
AajTak
अमेरिका में एक भारतीय महिला पर स्टोर से चोरी का आरोप लगा, जिसकी वीडियो वायरल हो चुकी है. इस बीच ट्रोलिंग हो रही है कि भारतीय जहां जाते हैं, वहां शॉपलिफ्टिंग से बाज नहीं आते. कई स्टडीज एकदम उलट इशारा करती हैं. नेशनल एसोसिएशन फॉर शॉपलिफ्टिंग प्रिवेंशन के मुताबिक, अमेरिका में हर 11वां शख्स कभी न कभी दुकान से सामान उठा चुका.
कुछ रोज पहले अमेरिका से एक वीडियो फैली, जिसमें एक भारतीय महिला पर दुकान से सामान चुराने का आरोप लगा. महिला ठीक-ठाक समृद्ध दिख रही है और अपनी सफाई में हर्जाना भरने की बात भी कर रही है. घटना को लेकर भारतीय आदतों को घेरा जा रहा है. वहीं अध्ययन कहते हैं कि भारत नहीं, बल्कि अमीर देशों में शॉपलिफ्टिंग के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट होते रहे. तो क्या शॉपलिफ्टिंग सामान्य चोरी से कुछ अलग चीज है और क्या इसका जरूरत या अमीरी-गरीबी से कोई संबंध नहीं!
किस मामले की हो रही चर्चा अमेरिका के इलिनॉय में एक इंडियन महिला पर स्टोर से एक लाख कीमत का सामान चोरी करने का आरोप लगा. स्थानीय पुलिस का कहना है कि महिला ने प्रेग्नेंट होने की बात कहते हुए दुकान में कई घंटे बिताए और फेक प्रेग्नेंसी की आड़ में बिना पेमेंट बाहर निकलना चाहा. वैसे तो ये घटना पुरानी है लेकिन वीडियो हाल में वायरल हुआ. कुछ समय पहले टेक्सास में भी एक भारतीय स्टूडेंट पर इसी तरह का आरोप लगा. इसका असर देश की छवि पर हो सकता है, बल्कि होने ही लगा है. चोरी को लेकर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.
शॉपलिफ्टिंग पर हुए अध्ययन हालांकि कुछ और कहते हैं. नेशनल एसोसिएशन फॉर शॉपलिफ्टिंग प्रिवेंशन (एनएएसपी) के मुताबिक, हर 11वें अमेरिकी ने कभी न कभी बिना कीमत चुकाए दुकान से कुछ न कुछ उठाया होगा. रिपोर्ट ये भी कहती है कि 75 फीसदी शॉपलिफ्टर ऐसा किसी प्लानिंग के तहत नहीं करते, बल्कि बिना सोचे-समझे बस कर जाते हैं.
अमेरिका ही नहीं, कई पश्चिमी देशों में यह आम समस्या रही. मसलन, यूके को ही लें तो पिछले साल वहां दुकान से चोरी के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे. ब्रिटिश रिटेल कंसोर्टियम का कहना है कि इससे होने वाला सालाना नुकसान 18000 करोड़ से ऊपर चला जाता है. जर्मनी, स्विट्जरलैंड और बेहद ईमानदार कहलाते जापान में भी शॉपलिफ्टिंग का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है.
क्या है इस टर्म का मतलब
शॉपलिफ्टिंग का मतलब है किसी दुकान से सामान चुरा लेना, भले ही आपकी जेब में पैसे हों. लोग ग्राहक होने का दिखावा करते हुए सामान उठाते और चुपचाप निकल जाते हैं. ये हर बार बीमारी नहीं, लेकिन कुछ मामलों में इसे मानसिक स्थिति से भी जोड़ा जाता है. इसे क्लेप्टोमेनिया कहते हैं. यह एक तरह का मनोवैज्ञानिक डिसऑर्डर है जिसमें प्रभावित व्यक्ति को कुछ भी चुराने की तेज इच्छा होने लगे.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







