
हमास के गाजा कमांड के खात्मे के बाद अब क्या करेगा इजरायल? एक्सपर्ट इन दो कदमों का लगा रहे अनुमान
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इजरायल साउथ में आक्रमण शुरू कर देता है, तो यह भी संभव है कि आईडीएफ सैनिकों की मुठभेड़ हमास के कमांडर्स के साथ हो. ऐसे में बंधकों को छुड़ाने के लिए जिन समझौतों पर चर्चा हो रही है, यह बातचीत बेपटरी हो सकती है. उत्तरी गाजा में हमास के कुछ ही शीर्ष नेता या बंधक पाए गए हैं.
उत्तरी गाजा में इजरायली सेना ने अपना अभियान करीब-करीब समाप्त कर लिया है. अब इजरायली सरकार और आईडीएफ के अधिकारियों के बीच इस बात पर विचार विमर्श हो है कि क्या सेना को पहले से ही दक्षिणी गाजा पर आक्रमण शुरू कर देना चाहिए या बंधकों पर अंतरिम समझौते की प्रतीक्षा करनी चाहिए. द यरुशलम पोस्ट ने इस बारे में जानकारी दी है.
यरुशलम पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे बहुत से संकेतों का हवाला दिया है, जिसमें पता चला है कि इजरायल बंधकों को छुड़ाने के लिए हमास से बातचीत कर रहा है और उनकी वापसी के लिए किसी अंतरिम समझौते पर पहुंच सकता है. हालांकि, इस बात की संभावना भी है कि हमास ने सभी बंधकों की रिहाई के बदले इजरायल के सामने अपने कुछ लोगों को रिहा करने की मांग रखी हो.
दक्षिण गाजा पर हमला या हमास से बंधकों की रिहाई पर समझौता?
रिपोर्ट में कहा गया है कि चाहे इजरायल किसी समझौते पर सहमत हो या नहीं (जिसके लिए हमास बेताब है), उसके ऐसी किसी डील के करीब होने की संभावना भी वर्तमान में दक्षिणी गाजा में सेना के अभियान को धीमा कर सकती है. आईडीएफ ने उत्तरी गाजा के ज्यादातर हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और ऐसे समय में हमास के साथ इजरायल का किसी भी प्रकार का समझौता दक्षिण गाजा में उसके अभियान पर विराम लगा सकता है.
द यरुशलम पोस्ट ने विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है, 'एक बार जब आईडीएफ दक्षिणी गाजा पर आक्रमण शुरू कर देगा, तो उसे न केवल थल सेना बल्कि एयरफोर्स और नेवी से भी समर्थन की आवश्यकता होगी. साथ ही उसे इस सैन्य अभियान को जारी रखने और सुरक्षा बलों को युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए उत्तर से दक्षिण की ओर एक विशाल लॉजिस्टिक्स काम्प्लेक्स स्थापित करने की भी आवश्यकता होगी.'

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