सौरव गांगुली बने त्रिपुरा टूरिज्म के ब्रांड एम्बेसडर, बीजेपी ने शाहरुख पर ममता सरकार को घेरा
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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव कप्तान सौरव गांगुली को त्रिपुरा का ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया है. वहीं एक्टर शाहरुख खान को पश्चिम बंगाल का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर बीजेपी ने टीएमसी पर सवाल उठाए हैं.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली को त्रिपुरा के पर्यटन विभाग का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है. त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने गांगुली से मुलाकात के बाद इसकी घोषणा की है. वहीं एक्टर शाहरुख खान को पश्चिम बंगाल का ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर बीजेपी ने टीएमसी पर सवाल उठाए हैं.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सौरव गांगुली को ब्रांड एम्बेसडर बनाए जाने पर कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने त्रिपुरा पर्यटन के ब्रांड एम्बेसडर बनने के हमारे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. बता दें कि बंगाल में टीएमसी और बीजेपी साल 2016 से ही राजनीतिक लड़ाई में उलझे हुए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सौरव गांगुली मैदान के अंदर और बाहर विवादों के लिए कोई अजनबी नहीं हैं. बीसीसीआई के पूर्व चीफ को राजनीतिक क्षेत्र में कई नेताओं से करीबी के लिए भी जाना जाता है. सिलीगुड़ी से सीपीआईएम के पूर्व विधायक अशोक भट्टाचार्य के टीएमसी में शामिल होने के बाद गांगुली को बार-बार पार्टी में शामिल होने के लिए लुभाया गया था. इसके अलावा साल 2021 में उन्हें बीजेपी का संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बताया गया था.
टीएमसी ने भी कथित तौर पर गांगुली को अपने पाले में शामिल करने की कोशिश की. पूर्व क्रिकेटर के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्हें चुनावों के लिए दोनों पक्षों से जबरदस्त दबाव में रखा गया था. हालांकि उन्होंने राजनीति में नहीं आने का फैसला किया. अफवाहें उस समय और तेज हो गईं, जब 7 मई, 2022 को गांगुली ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अपने कोलकाता स्थित आवास पर डिनर की मेजबानी की. हालांकि अक्टूबर, 2022 में गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ऐसी अफवाहों पर विराम लग गया.
टीएमसी-बीजेपी के बीच शुरू हुई बहस
बीसीसीआई से गांगुली को हटाने की वजह से टीएमसी और भाजपा के बीच राजनीतिक बहस शुरू हो गई थी. कांग्रेस ने भी गांगुली को क्रिकेट बोर्ड से बाहर निकलने पर सवाल उठाया था. आरोप लगाया गया कि पूर्व क्रिकेटर को 2021 में बीजेपी में शामिल होने से इनकार करने की कीमत चुकानी पड़ी.
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