
सूख रही है धरती, अरबों लोग गंदा पानी पीने को मजबूर! UN की चौंकाने वाली रिपोर्ट
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जल-संकट पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट मानवता के लिए खतरे की घंटी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के दो अरब लोग मल से दूषित जल पीने को मजबूर हैं जिस कारण उन्हें कई तरह की बीमारियां हो रही हैं. यूएन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मीठे पानी के स्रोत दुनिया में सबसे अधिक खतरे में हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी कर चेतावनी दी है कि पानी के अति उपयोग और अंधाधुंध विकास के कारण दुनिया तेजी से सूख रही है. रिपोर्ट में पानी को मानवता के लिए जीवन रक्त के रूप में वर्णित करते हुए कहा गया है कि दुनिया की 26% आबादी साफ पानी की कमी से जूझ रही है. संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट यूएन जल सम्मेलन से ठीक पहले बुधवार को प्रकाशित की गई है.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र की इस मुद्दे पर दशकों बाद हो रही पहली बड़ी बैठक से कुछ घंटे पहले जारी की गई रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, 'दुनिया आंख मूंदकर एक खतरनाक रास्ते पर चल रही है क्योंकि पानी का अंधाधुंध इस्तेमाल, प्रदूषण और अनियंत्रित ग्लोबल वार्मिंग मानवता के 'जीवन रक्त' को बहा रही है.'
ताजिकिस्तान और नीदरलैंड संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन की सह-मेजबानी कर रहे हैं जो बुधवार से शुक्रवार तक चलेगा. इस सम्मेलन में 12 देशों के 6,500 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे.
रिपोर्ट के प्रमुख लेखक रिचर्ड कॉनर ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, 'अगर हम जल संरक्षण के लिए कुछ नहीं करते हैं तो करीब 40-50% की वैश्विक आबादी की स्वच्छता तक पहुंच नहीं होगी और 20-25% लोगों को सुरक्षित जल-आपूर्ति तक पहुंच नहीं होगी. दुनिया की आबादी हर दिन बढ़ रही है, ऐसे में उन लोगों की संख्या और बढ़ती जा रही है जिन्हें पानी और स्वच्छता नहीं मिल रही.'
'अभी नहीं तो कभी नहीं'
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी का लगभग 10% ऐसे देशों में रहता है जहां पानी का तनाव उच्च या गंभीर स्तर पर पहुंच गया है.

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