सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने कहा- राज्यपालों को राजनीति में नहीं उतरना चाहिए
The Wire
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी महाराष्ट्र में बीते साल उपजे राजनीतिक संकट, जिसके फलस्वरूप उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी, से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 फरवरी) को कहा कि ‘राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में नहीं उतरना चाहिए.’ शीर्ष अदालत महाराष्ट्र में बीते साल उपजे राजनीतिक संकट, जिसके कारण एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों के एक धड़े ने अपना समर्थन वापस ले लिया था, जिससे उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली एमवीए सरकार गिर गई थी, से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी.
लाइव लॉ के अनुसार, महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से बोलते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘हमारे पास दो दलीय व्यवस्था नहीं है. भारत बहुदलीय लोकतंत्र है. बहुदलीय लोकतंत्र का मतलब है कि हम गठबंधन के युग में हैं. गठबंधन दो तरह के होते हैं- चुनाव पूर्व गठबंधन, चुनाव बाद के गठबंधन. चुनाव के बाद आम तौर पर संख्या को पूरा करने के लिए एक अवसरवादी गठबंधन होता है, लेकिन चुनाव पूर्व गठबंधन एक सैद्धांतिक गठबंधन होता है. दो राजनीतिक दलों – भाजपा और शिवसेना के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन था. जैसा कि किहोटो बताते हैं, जब आप मतदाता के सामने जाते हैं, तो आप एक व्यक्तिगत उम्मीदवार के रूप में नहीं जाते हैं, बल्कि एक राजनीतिक विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधि के रूप में जाते हैं, एक प्रतिनिधि जो जाकर कहता है, यह हमारा साझा विश्वास है, साझा एजेंडा है. मतदाता व्यक्तियों के लिए नहीं बल्कि उस विचारधारा या राजनीतिक दर्शन के लिए वोट करता है जिसे पार्टी प्रोजेक्ट कर रही होती है. हम ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ शब्द सुनते हैं. यहां, एक नेता (उद्धव ठाकरे) ने उन लोगों के साथ सरकार बनाई, जिनके खिलाफ उन्होंने चुनाव लड़ा (कांग्रेस और एनसीपी) और मतदाताओं ने एक विशेष पार्टी के खिलाफ नकारात्मक वोट दिया.
इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा की इस तरह के बयान राज्यपाल कार्यालय की तरफ से नहीं आने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कोई राज्यपाल इस तरह कैसे कह सकता है? सरकार के गठन पर राज्यपाल का यह बयान कैसे हो सकता है?’
द हिंदू के मुताबिक, उन्होंने जोड़ा, ‘जब वे सरकार बनाते हैं, तब राज्यपाल को विश्वासमत करवाना होता है… राज्यपाल को राजनीति में नहीं पड़ना चाहिए.’ मामले की सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा हैं.