सुप्रीम कोर्ट ने मामले को डेढ़ वर्ष तक सूचीबद्ध नहीं किए जाने को लेकर रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा
The Wire
सुप्रीम कोर्ट एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 के प्रावधान की वैधता और अवमानना के लिए उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की दी गई मंज़ूरी को चुनौती दी गई थी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले को एक पीठ के समक्ष डेढ़ साल से अधिक समय तक सूचीबद्ध न करने पर मंगलवार को कड़ा रुख अपनाया, जबकि वह सूचीबद्ध किए जाने और सुनवाई किए जाने के लिए तैयार था. शीर्ष अदालत ने साथ ही इसको लेकर अपनी रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण भी मांगा है.
प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ आर. सुब्रमण्यम नाम के एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 के प्रावधान की वैधता और अवमानना के लिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की दी गई मंजूरी को चुनौती दी गई थी.
शीर्ष अदालत ने सुब्रमण्यम को याचिका वापस लेने की अनुमति दी और आदेश में कहा कि याचिका 4 अगस्त, 2021 को दायर की गई थी और सूचीबद्ध किए जाने के लिए तैयार थी.
पीठ ने कहा, ‘इसे 21 अक्टूबर, 2022 तक किसी भी अवसर पर इस न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध नहीं किया गया. उस तिथि पर याचिकाकर्ता की ओर से एक अनुरोध किया गया, जिसमें याचिका दायर करने के बाद हुईं कुछ घटनाओं के मद्देनजर उक्त याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता का अनुरोध किया गया.’