सीमा पर दुश्मन से जमकर लड़ा शौर्य चक्र विजेता शहीद, देश में सिस्टम से हार गई मां
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एक्स ग्रेशिया कम्पनसेशन की मांग को लेकर शौर्य चक्र विजेता शहीद सहायक कमांडेंट विवेक सक्सेना की मां सावित्री सक्सेना आज भी अपने हक के लिए भटक रहीं हैं. 8 जनवरी 2003 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों से टक्कर लेते हुए पुत्र विवेक शहीद हो गए थे.
जहां पूरे देश में शहीद हुए जवानों को कई तरह के की तमाम सुविधाएं सरकार देने की बात करती है, वहीं एक्स ग्रेशिया कम्पनसेशन की मांग को लेकर शौर्य चक्र विजेता शहीद सहायक कमांडेंट विवेक सक्सेना की मां सावित्री सक्सेना आज भी अपने हक के लिए भटक रहीं हैं. 8 जनवरी 2003 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों से टक्कर लेते हुए पुत्र विवेक शहीद हो गए थे. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने वाले शौर्य चक्र विजेता शहीद विवेक सक्सेना का परिवार देश के हुक्मरानों से सपूत की शहादत के बदले मिलने वाले सम्मान के लिए 18 साल बाद भी अधिकारियों और सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है. विवेक के अदम्य साहस के लिए उन्हें शौर्य चक्र व पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.