
सिर्फ हिंदुओं की ही नहीं मुस्लिमों की जातियां भी गिनी जाएंगी, नीतीश के जातिगत जनगणना का लार्जर प्लान
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बिहार में जाति आधरित जगनणना पर मुहर लग गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बुधवार को सर्वदलीय बैठक में राज्य स्तर पर जातीय गणना के लिए सहमति बनी गई है, जिसमें हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम जातियों की भी गिनती की जाएगी. मुस्लिम समुदाय भी तमाम जातियों में बंटा हुआ है, जिसमें अशराफ मुस्लिम से लेकर पसमांदा तक शामिल हैं.
बिहार में जाति आधारित जनगणना का रास्ता साफ हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से राज्य में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया गया. ऐसे में कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव पास होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा कि बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गणना कराई जाएगी, जिससे मुसलमानों के भीतर भी उपजाति निकल कर आएगी. ऐसे में साफ है कि बिहार में जाति आधारित गणना सिर्फ हिंदू जातियों की नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय की जातियों की भी गिनती की जाएगी.
बिहार में जाति आधरित गणना कराने जा रहे नीतीश कुमार ने मुस्लिमों की जाति गणना कराने का फैसला लिया है. हिंदू समुदाय के जातियों की गिनती के साथ-साथ मुस्लिम समाज की जातियों की गिनती की जाएगी. आजादी के बाद से अभी तक देश में जितनी भी जनगणना होती रही है, उसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों की गिनती केवल धर्म के आधार पर होती थी. इस तरह से मुस्लिम जातियों की गिनती नहीं हो सकी.
हालांकि, साल 1931 की जनगणना में मुस्लिम की गिनती धार्मिक और जातीय दोनों ही आधार की गई थी, लेकिन 1941 की जनगणना में मुस्लिम लीग ने मुस्लिम समुदाय से अपनी-अपनी जाति को लिखवाने के बजाय इस्लाम धर्म लिखवाने पर जोर दिया था. वहीं, हिंदू महासभा ने हिंदुओं से जाति के बजाय हिंदू धर्म लिखवाने की बात कही थी. इसके बाद से न तो मुस्लिमों की किसी जाति की गिनती की गई और न ही हिंदुओं की. जनगणना के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति की गिनती की जाती रही ही है, जिसमें मुस्लिम दलित जातियां शामिल नहीं हैं.
मुस्लिमों में जातिगत जनगणना की मांग उठती रही
ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज संगठन और तमाम मुस्लिम ओबीसी समुदाय के लोग जातिगत जनगणना में हिंदुओं की जातियों की तरह मुसलमानों के भीतर शामिल तमाम जातियों की गिनती करने की मांग करता रहा है. दिल्ली के गांधी पीस फाउंडेशन में पिछले साल 15 मुस्लिम ओबीसी जाति संगठनों ने मुस्लिम जातियों जनगणना के मुद्दे को लेकर बैठक की थी. इस बैठक में मुस्लिम ओबीसी की शैक्षणिक, आर्थिक, सियासी और सामाजिक आधार पर जनगणना करने की मांग उठाई थी.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के अगुवाई में पिछले साल महागठबंधन के पांच दलों के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर हिंदू जातियों की जनगणना कराने की मांग की थी. इस पर पसमांदा मुस्लिम महाज अध्यक्ष पूर्व सांसद अली अनवर ने सीएम नीतीश कुमार से लेकर देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि सिर्फ हिंदू जातियों की ही नहीं बल्कि मुसलमानों की जातियों की गणना की जानी चाहिए, क्योंकि मुसलमानों के भीतर भी जातियां और उपजातियां शामिल हैं.

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