
साम, दाम, दंड, भेद... नेवी अफसरों के केस में कतर को लाइन पर लाने के हैं ये 7 रास्ते
AajTak
खाड़ी देश कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाकर सनसनी फैला दी है. ये अफसर दोहा की एक कंपनी में काम करते हुए कतर की सेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं देते थे. इन अफसरों के केस की सुनवाई और फैसले देने की कार्रवाई जिस तरह अंजाम दी गई, वह संदेह पैदा करती है. आइये, नजर डालें कि भारत के पास अब इस चुनौती से निपटने के लिए कानूनी विकल्प के अलावा और क्या-क्या रास्ते बचे हैं...
कतर और भारत के रिश्ते दिलचस्प हैं. कारोबार और मानव संसाधन को लेकर दोनों देशों के बीच जितनी समरसता दिखती है, उतनी ही जियो पॉलिटिकल और इस्लामिक मुद्दों के मोर्चे पर दुश्मनी. भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाकर खाड़ी के इस देश ने भारत के प्रति अपना जहरीला रवैया उजागर किया है. इन नौसेना अधिकारियों का केस काफी कुछ पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले से मिलता-जुलता है.
हमास को समर्थन देने के लिए लगातार आलोचना का शिकार हो रहे कतर ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाकर नया मोर्चा खोल दिया है. इजरायल-गाजा युद्ध के दौरान आए इस फैसले की टाइमिंग इसलिए भी खास हो जाती है, क्येांकि इन अफसरों पर कतर की कंपनी में काम करते हुए इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप था. कतर के मंसूबों पर इस फैसले की टाइमिंग के अलावा कोर्ट की गुपचुप कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. पूरी कार्रवाई बेहद गोपनीय ढंग से हुई. आरोपी भारतीयों को असाधारण रूप से लंबे अरसे तक अलग-अलग कैद किया गया. इन अफसरों पर सभी आरोप कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ने ही लगाए. इस बारे में न कतर की बाकी कानूनी एजेंसियों को कुछ पता था, न भारत को.
अब भारत के पास बचे हैं ये रास्ते:
1. भारतीय नौसेना के पूर्व अफसरों को राहत दिलाने के लिए सबसे सहज और सरल तरीका तो यही है कि भारत कतर की अथॉरिटी को अपील करके इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहे. इस फैसले का बारीकी से अध्ययन करके उसकी कमजोरी को नए सिरे से पेश किया जा सकता है.
2. कतर की जिस अदालत ने बेहद गोपनीय ढंग से इस मामले की सुनवाई की और फैसला दिया, उसे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में चैलेंज किया जा सकता है. ठीक वैसे ही, जैसे कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. भारत को यहां ICJ से राहत भी मिली थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.







