'सड़ा' बताकर भारत का गेहूं ठुकराने वाले तुर्की की खुली पोल! चल रहा ये चाल
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वैश्विक स्तर पर उपजे गेहूं संकट के बीच भारत ने तुर्की को गेहूं की खेप भेजी थी. तुर्की ने गेहूं में रूबेला वायरस होने की शिकायत करते हुए खेप लौटा दी थी. इसके बाद इस गेहूं को मिस्र भेजे जाने की रिपोर्ट सामने आई. बाद में कहा गया कि मिस्र ने भी भारत का गेहूं ठुकरा दिया है. अब गेहूं को तुर्की भेजने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि गेहूं में रूबेला वायरस होने की खबर कोरी अफवाह थी.
भारत से तुर्की और मिस्र भेजी गई गेहूं की खेप के ठुकराए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. तुर्की ने भारत के गेहूं में रूबेला वायरस होने की शिकायत की थी.
इसके बाद गेहूं की इस खेप के इजरायल के बंदरगाह पर भी फंसे होने की रिपोर्ट आई.
इस गेहूं को तुर्की भेजने वाली कंपनी आईटीसी के एग्रोबिजनेस विभाग के सीईओ बयान आया है, जिसमें उन्होंने गेहूं के खराब होने की खबरों से इनकार किया है.
कंपनी के एग्रोबिजनेस विभाग के सीईओ रजनीकांत राय ने कहा कि उन्होंने गेहूं की जो खेप तुर्की भेजी थी, वह क्वालिटी के मानकों पर खरी उतरती है.
उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि 55,000 टन गेहूं की यह खेप डच की एक कंपनी ईटीजी कमोडिटीज को बेची गई थी.
इस डच कंपनी ने गेहूं के क्वालिटी टेस्ट के लिए एक स्विस कंपनी एसजीएस को चुना था.