सचिन वाजे के 'खुलासे' से महाराष्ट्र में हलचल, मंत्री अनिल परब ने बताया बीजेपी की रणनीति
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परब ने कहा कि कमिश्नर ने अपने लैटर में ये सब नहीं लिखा. जब जांच के लिए सीबीआई आ गई तो वो अब क्यों बोल रहा है? यह साफ है कि वाज़े को कुछ करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
एंटीलिया मामले में फंसे पूर्व एपीआई सचिन वाज़े ने एनआईए को सौंपे गए अपने एक लिखित बयान में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने उसे एसबीयूटी के ट्रस्टियों को बुलाने के लिए कहा था, ताकि उनसे 50 करोड़ की रकम ली जा सके. इस पर मंत्री अनिल परब ने साफ कहा कि इन सभी आरोपों से उनका कोई संबंध नहीं है और उन्हें यह भी पता नहीं है कि क्या एसबीयूटी के खिलाफ कोई जांच हुई थी. वाज़े के सब आरोप भाजपा की रणनीति का हिस्सा हैं. अनिल परब ने कहा कि सचिन वाज़े ने एक पत्र दिया है. उस पत्र में उसने कहा है कि जून अगस्त 2020 में मैंने उसे फोन किया और एसबीयूटी के ट्रस्टियों को बुलाने और उनसे 50 करोड़ रुपये वसूल करने के लिए कहा. एक अन्य आरोप ये है कि मैंने उनसे 2 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था. लेकिन वाज़े ने ये क्यों नहीं बताया कि पिछले साल जून में क्या हुआ था.देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.