संपत्ति मौद्रिकरण योजना: रेलवे, टेलीकॉम और पेट्रोलियम क्षेत्र वित्त वर्ष 2023 के लक्ष्य से दूर
The Wire
राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन के तहत केंद्र की महत्वाकांक्षी संपत्ति मौद्रिकरण योजना में वित्त वर्ष 2022-23 में रेलवे, दूरसंचार व पेट्रोलियम क्षेत्र तय निर्धारित लक्ष्यों से पिछड़ गए हैं, जिसके चलते योजना लक्ष्य से चूकती दिख रही है. नतीजतन, राजस्व और निवेश में लक्ष्य के मुकाबले लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी संपत्ति मौद्रिकरण योजना वित्त वर्ष 2022-23 में बड़े अंतर से लक्ष्य से चूक सकती है क्योंकि रेलवे, दूरसंचार और पेट्रोलियम क्षेत्रों द्वारा अपने लक्ष्यों को पूरा करने की संभावना नहीं है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है.
अधिकारियों ने समाचार पत्र को बताया कि राजस्व और निवेश में 1.62 ट्रिलियन रुपये पैदा करने के वित्त वर्ष 2023 के एनएमपी लक्ष्य के मुकाबले लगभग 50,000 करोड़ रुपये की कमी हो सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए अपने केंद्रीय बजट में मौजूदा बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) की संपत्तियों के मौद्रिकरण के लिए उन्हें एक राजस्व साझाकरण मॉडल के तहत एक निश्चित अवधि के लिए निजी फर्मों को पट्टे पर देकर चार साल के रोडमैप (वित्तीय वर्ष 2022 से वित्तीय वर्ष 2025 तक) के साथ 6 ट्रिलियन एनएमपी की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्चर के खर्च के लिए धन पैदा करना है.