संजय राउत का PM पर निशाना- 'आंदोलनजीवी' शब्द के इस्तेमाल को बताया स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान
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संजय राउत ने किसान आंदोलन की तुलना गोधरा कांड से की. उन्होंने कहा दिल्ली की सीमा पर हो रहा किसान आंदोलन शांत और नरम है.उन्होंने कहा कि आज पीएम मोदी और अमित शाह आंदोलन का मजाक उड़ा रहे हैं लेकिन साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी के बाद यही लोग हिंदुओं के मसीहा बने थे.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा है. सामना के 'रोकटोक' कॉलम में राउत ने पीएम मोदी के 'आंदोलनजीवी' शब्द के इस्तेमाल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने देश में आंदोलन का तमाशा बना दिया है. वह देश में विरोध-प्रदर्शन चाहते ही नहीं हैं, वो चुप कराया गया लोकतंत्र चाहते हैं. इमरजेंसी से लेकर अयोध्या आंदोलन तक, महंगाई से लेकर अनुच्छेद 370 हटाने तक बीजेपी ने आंदोलन किया था. पीएम मोदी ने प्रदर्शनकारियों को आंदोलनजीवी कहकर स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक उड़ाया है. महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर सबसे बड़े 'आंदोलनजीवी' थे. संजय राउत ने किसान आंदोलन की तुलना गोधरा कांड से की. उन्होंने कहा दिल्ली की सीमा पर हो रहा किसान आंदोलन शांत और नरम है.उन्होंने कहा कि आज पीएम मोदी और अमित शाह आंदोलन का मजाक उड़ा रहे हैं लेकिन साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी के बाद यही लोग हिंदुओं के मसीहा बने थे. पीएम मोदी के परिप्रेक्ष्य से गोधरा कांड त्वरित था. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे त्वरित नहीं बताया था. इसी गोधरा कांड के चलते पीएम मोदी और अमित शाह दिल्ली की गद्दी तक पहुंचे. उस घटना की तुलना में किसान आंदोलन काफी शांत और नरम है.पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आखिरकार माना है कारगिल युद्ध पाकिस्तान की गलती का नतीजा था. मसलन, उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था. तब आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने गुप्त रूप से अपनी सेना कारगिल में भेजी थी, जिसकी वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ गया था.
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