संगम की रेती पर 'मुर्दों का मोहल्ला'! प्रयागराज में शवों से पटा पड़ा है गंगा का किनारा
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उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी प्रयागराज में इन दिनों गंगा किनारे लाशों का अंबार दिख रहा है. मीलों तक रेत में अंतिम संस्कार किया गया है, शव दफनाए गए हैं. प्रशासन पर आरोप लग रहे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतों पर ध्यान नहीं दिया गया. गंगा नदी के किनारे ग्रामीण शवों को दफना रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे शवों को दफनाने का सिलसिला जारी है. धार्मिक महत्व रखने वाले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नदी किनारे लाशों के अंबार दिख रहे हैं. प्रयागराज में मीलों तक रेत में शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, सैकड़ों लाशों को दफन किया गया है. अभी यूपी के उन्नाव जिले में सैकड़ों लाशों के रेत में दफनाने का मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि प्रयागराज जिले में जो देखने को मिला, उसने हैरान कर दिया है. प्रयागराज के फाफामऊ इलाके में गंगा के किनारे घाट की स्थिति ऐसी है कि जहां तक नजर जाती है, बस लाशें ही दिखाई दे रही हैं. इन लाशों को बीते एक से दो महीने के भीतर ही दफनाया गया है. अगर इन लाशों की गिनती की जाए तो इन लाशों की संख्या काफी ज्यादा होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि लाशों के दफनाये जाने के पीछे वजह यह है कि आसपास के लोग गरीब हैं. उनके पास दाह संस्कार के लिये भी पैसे नहीं होते. ना ही सरकार इनकी सुध लेती है. प्रशासन के जिम्मे जलाने के लिये लकड़ियों का इंतजाम करना होता है पर अधिकारी आंख मूंद कर बैठे हैं.गंगा किनारे यूपी पुलिस का सर्च ऑपरेशन, अब तक मिले 39 शव, DGP ने जारी की लिस्टप्रशासन ने साधी है चुप्पीकरीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
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