
श्रीलंका से भागे गोटाबाया को मालदीव नहीं दे रहा था एंट्री, फिर एक फोन कॉल से बनी बात! 'आखिरी मंजिल' के बाद ही इस्तीफा
AajTak
श्रीलंका से भागे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) को मालदीव में एंट्री नहीं मिल रही थी. फिर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति आगे आए. अब मालदीव से गोटाबाया दुबई जा सकते हैं.
Sri Lanka Crisis: भयंकर राजनीतिक-आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे बिना इस्तीफा दिये देश से भाग गये हैं. इससे विद्रोह की आग वहां दोबारा भड़क गई है. अब ऐसा लग रहा है कि राजपक्षे का इस्तीफा देने की खबरें सिर्फ उनके प्लान का हिस्सा था, जिसका इस्तेमाल उन्होंने श्रीलंका से निकलने के लिए किया. गोटाबाया राजपक्षे ने अबतक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है, यह भी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है.
देर रात गोटाबाया राजपक्षे मिलिट्री के विमान में बैठकर अपनी पत्नी समेत परिवार के कुछ सदस्यों को लेकर मालदीव पहुंच गये. सुबह जब श्रींलका के लोग जागे तो पता चला कि राष्ट्रपति अचानक देश छोड़ चुके हैं. प्रदर्शनकारी खुद भी यही चाहते थे. लेकिन यहां चिंता की बात यह थी कि गोटाबाया बिना इस्तीफा दिये भाग गये. ऐसे में नए राष्ट्रपति, नई सरकार को चुनने का सारा प्रोसेस फिलहाल के लिए अटक गया.
राष्ट्रपति पद का इस्तेमाल करके भागे?
गोटाबाया राजपक्षे ने अबतक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया है यह भी अब धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है. दरअसल, गोटाबाया राजपक्षे ने पहले ही जान को खतरे का अंदेशा जताया था. वह श्रीलंका से सुरक्षित निकलना चाहते थे. लेकिन अगर वह राष्ट्रपति पद छोड़ देते तो शायद ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता.
अब जब मिलिट्री प्लेन ने गोटाबाया राजपक्षे को मालदीव तक छोड़ा तो श्रीलंका की एयरफोर्स पर भी सवाल उठे. इसके बाद एयरफोर्स को सफाई देनी पड़ी. एयरफोर्स के टॉप अधिकारी ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के ऑर्डर पर राष्ट्रपति के लिए प्लेन दिया गया था. उन्होंने कहा कि मौजूदा राष्ट्रपति को प्लेन संविधान में मौजूद निहित कानूनी प्रावधानों के अनुसार ही दिया गया था. मतलब अगर गोटाबाया राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे चुके होते तो उनको यह सुविधा इतनी आसानी से नहीं मिल पाती.
मालदीव के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति ने की मदद

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







