
शिवराज सरकार के मंत्री ने जिस अफसर को बताया था निरंकुश, उसी का बेटा कलेक्टर बनकर जिले में आया
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MP News: पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह के बेटे 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अमनवीर सिंह बैंस को गुना कलेक्टर बनाया गया है. पिता के तिरस्कार के बाद बेटे को जिले की कमान सौंपी गई है.
मध्य प्रदेश की पिछली सरकार में पंचायत मंत्री रहे महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कुछ समय पहले राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को निरंकुश करार दिया था. तत्कालीन मंत्री रहे सिसोदिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाकायदा पत्र लिखते हुए इकबाल सिंह की शिकायत की थी. पत्र में मुख्य सचिव को निरंकुश बताते हुए अधिकारियों से सांठगांठ होने के आरोप लगाए थे.
तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा था, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अच्छे हैं, लेकिन चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस जैसे अधिकारी तो मंत्रियों तक के फोन नहीं उठाते हैं. उन्होंने प्रशासन को निरंकुश करार दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने इसके लिए बैंस को जिम्मेदार घोषित कर दिया. महेंद्र सिंह सिसोदिया ने इकबाल सिंह बैंस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
तरुण राठी की जगह आए अमनवीर
लेकिन अब पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह के बेटे 2013 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अमनवीर सिंह बैंस को गुना कलेक्टर बनाया गया है. पिता के तिरस्कार के बाद बेटे को जिले की कमान सौंपी गई है. इससे पहले अमनवीर बैतूल जिले के कलेक्टर थे. बता दें कि बीते दिनों बस हादसे के बाद तरुण राठी को गुना कलेक्टर के पद से हटाया गया था. उन्हीं की जगह आईएएस अमनवीर को लाया गया है.
गुना में हुई है अमनवीर की पढ़ाई
इकबाल सिंह बैंस खुद भी सन 1995-96 में गुना कलेक्टर रह चुके हैं. इकबाल सिंह जब गुना में कलेक्टर थे, उस वक्त मात्र 7 वर्ष के अमनवीर मिशनरी स्कूल में क्लास-2 में पढ़ते थे. ऐसे पहली बार हुआ है कि जिस जिले में पिता कलेक्टर रहे हों, वहीं बेटा भी कलेक्टर बनकर आए.

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