
शाइस्ता परवीन, अफशां अंसारी से लेकर लवली आनंद तक... जानिए बाहुबलियों की पत्नियों ने कैसे संभाला गैंग से लेकर सियासी साम्राज्य
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शाइस्ता परवीन ऐसी पहली महिला नहीं है, जो अपने बाहुबली पति के जेल जाने पर गैंग की कमान संभाल रही हों. बल्कि ऐसे कई नेता और माफिया गैंगस्टर हैं, जिनकी गैरमौजूदगी में उनकी पत्नियों ने सिसायत और गैंग दोनों की कमान संभाली है. ऐसे भी बाहुबली हैं जिनकी राजनीतिक विरासत तो पत्नी ने संभाली लेकिन बाकी काम दूसरों ने देख लिया.
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके गैंग पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है. इस दौरान पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि इस मामले में विक्टिम कार्ड खेलने वाली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को उमेश पाल के कत्ल की साजिश का पता था. यही नहीं वो अपने शौहर अतीक के इशारे पर इस साजिश को अंजाम तक पहुंचा रही थी. ये कोई ऐसा पहला मामला नहीं, जब किसी गैंगस्टर या बाहुबली की पत्नी ने पति के जेल जाने पर गैंग की कमान संभाली हो. बल्कि ऐसे कई नेता और माफिया गैंगस्टर हैं, जिनकी गैरमौजूदगी में उनकी पत्नियों ने कमान संभाली है.
शाइस्ता परवीन w/o अतीक अहमद उमेश पाल की हत्या के मामले में अतीक अहमद के साथ-साथ उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन भी अब पुलिस के निशाने पर है. पुलिस ने शाइस्ता पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है. पुलिस का आरोप है कि वो शाइस्ता परवीन ही है, जिसने ना सिर्फ एक-एक शूटर से बात की, उन्हें रुपये पैसे दिए, बल्कि वारदात को अंजाम देने के बाद कैसे भागना है, कैसे छुपना है, ये सब भी बताया और तो और पुलिस से बचने के लिए उसने ही अपने बेटे असद से शूटरों के लिए 16 मोबाइल फोन और 16 सिम कार्ड खरीदवाए और इन्हें शूटरों तक पहुंचाया था.
पुलिस के मुताबिक शाइस्ता ही अतीक, असद और अशरफ के बीच की कड़ी थी. सीसीटीवी फुटेज में वो अतीक के शूटर साबिर के साथ जाती हुई दिखी. 19 फरवरी को शाइस्ता अतीक के शूटर बल्ली उर्फ सुधांशु के घर गई थी. हत्या के दौरान उसी ने सारे शूटरों को 1-1 लाख रुपये का खर्चा-पानी दिया था. शाइस्ता ने ही शूटरों के लिए मोबाइल फोन भी खरीदवाए थे. कुल मिलाकर पुलिस की मानें तो अतीक के जेल जाने के बाद से शाइस्ता ही अब गैंग की कमान संभाल रही है.
अफशां अंसारी w/o मुख्तार अंसारी बाहुबली नेता और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां का नाम भी कई बार चर्चाओं में आ चुका है. कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अफशां ने अपने पति मुख्तार की जान को भी खतरा बताया था. मुख्तार साल पिछले कई सालों से जेल में बंद है. लेकिन जेल के बाहर उसके सारे काम उसकी पत्नी अफशां ही संभालती रही है. 31 जनवरी 2022 को अफशां के खिलाफ मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में गैंगस्टर के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी. जिसे अफशां ने चुनौती दी थी लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया था. मामला जब देश की सबसे बड़ी अदालत में पहुंचा था, तो सुप्रीम कोर्ट ने याची को हाई कोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दायर करने का आदेश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने अफशा अंसारी को फरार और भगोड़ा घोषित किया था.
अन्नपूर्णा सिंह w/o बृजेश सिंह माफिया गैंगस्टर अरुण सिंह उर्फ बृजेश सिंह की कहानी में भी उसकी पत्नी का अहम किरदार है. भले ही अदालत ने पिछले साल अगस्त में करीब 13 साल बाद माफिया डॉन बृजेश सिंह को वाराणसी सेंट्रल जेल रिहाई दे दी हो. लेकिन इससे पहले जब तक बृजेश सिंह जेल में बंद रहा. तब तक उसका सारा काम उसकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह संभालती रही. वो जेल के बाहर रहकर अपनी छवि को दुरुस्त करने की कवायद करती रही और एमएलसी बनकर यूपी की विधानसभा तक जा पहुंची. बृजेश सिंह पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. साल 2008 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बृजेश सिंह को उड़ीसा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया था. वो तभी से जेल में बंद था और उसकी पत्नी अन्नपूर्णा सिंह सारा कारोबार और सियासी काम संभालती रहीं. इससे पहले भी साल 2010 में अन्नपूर्णा सिंह बसपा से एमएलसी चुनकर सदन में पहुंची थीं.
रामलली मिश्रा w/o विजय मिश्रा भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से कई बार विधायक रह चुके बाहुबली विजय मिश्रा की पत्नी रामलली मिश्रा भी अपने पति के साथ हर सुख दुख में कड़ी रही हैं. विजय मिश्रा के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी रामलली ने सारा काम संभाला. इसी दौरान वो सियासत के मैदान में आ गईं और एमएलसी बनकर यूपी के उच्च सदन में जा पहुंची. हालांकि आगे भी उनका सियासी सफर आसान नहीं रहा. 4 अक्टूबर 2019 को जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा के साथ-साथ उनकी एमएलसी पत्नी के खिलाफ भी विजिलेंस में शिकायत दर्ज की गई थी. इसके बाद जांच में पता चला कि उन्होंने हलफनामें में जो संपत्ति घोषित की थी, उससे कई गुना ज्यादा संपत्ति उनके पास है. इसलिए मिश्रा दंपत्ति के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति का मामला दर्ज किया गया. साथ ही उन दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई.

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