
वे 10 लोग, जिनके PM नरेंद्र मोदी भी हुए मुरीद, 'मन की बात' में किया जिक्र
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम का 100वां एपिसोड रविवार को प्रसारित होगा. साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस मासिक रेडियो कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इसमें राजनीति से अलग समाज की चर्चा हुई. इस दौरान पीएम ने 500 से ज्यादा लोगों से बात की, जो कुछ नया और असाधारण कर रहे हैं, लेकिन गुमनाम रहे.
'मन की बात' रेडियो प्रोग्राम कई मायनों में खास है. इसके असर को समझने के लिए प्रसार भारती ने IIM रोहतक की मदद से स्टडी करवाई, जिसमें कई अनोखी बातें निकलकर आईं. जैसे, 9 सालों के दौरान इसे 1 अरब लोग कम से कम एक बार सुन चुके हैं. वहीं लगभग 23 करोड़ लोग नियमित तौर पर इस कार्यक्रम को सुनते और कुछ न कुछ नया जानते हैं. इसके अलावा इसकी सबसे खास बात है कि पीएम सीधे ऐसे लोगों से संवाद करते हैं, जिन्हें कोई नहीं जानता, लेकिन जो देश और समाज के लिए कुछ न कुछ कर रहे हैं. जानिए, ऐसे 10 लोगों को, जिनके सामाजिक या क्रिएटिव कामों के खुद पीएम मोदी मुरीद रहे.
इस महिला ने शुरू की नदी को बचाने की मुहिम उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की रहने वाली बसंती देवी ऐसा ही एक नाम हैं. बाल-विवाह और 14 साल की उम्र में ही पति को खोकर भी इस महिला ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि पढ़ी-लिखी और महिलाओं को एकजुट करने लगी. बसंती देवी ने शुरुआत में बाल-विवाह, घरेलू हिंसा जैसे मुद्दों पर काम किया, फिर वे पर्यावरण से भी जुड़ गईं.
उन्होंने कोसी नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए महिला समूह के जरिए मुहिम शुरू की. साल 2003 में शुरू हुई मुहिम से सैकड़ों महिलाएं जुड़ती चली गईं. आज बसंती देवी महिला-सशक्तीकरण और पर्यावरण-प्रेम की मिसाल बन चुकी हैं. इनका जिक्र पीएम मोदी ने मन की बात में भी किया, और इन्हें सर्वोच्च नारी शक्ति पुरस्कार भी मिल चुका है.
पहाड़ों को काटकर खेतों को उपजाऊ बनाने वाला शख्स कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में अद्यानाडका गांव के किसान अमाई महालिंग नाइक को बंजर ढलान वाली एक पहाड़ी को उपजाऊ खेत में बदल दिया. पीएम मोदी ने उन्हें टनल मैन के नाम से संबोधित करते हुए बेहद भावुक होकर संघर्ष और जीत की कहानी सुनाई. इस शख्स के पास सिंचाई पर खर्च करने या बोरवेल खोदने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उसने भूजल तक पहुंचने के लिए कठोर चट्टानों में एक सुरंग खोदना शुरू किया. धीरे-धीरे उन्होंने 6 सुरंगे खोद डालीं और आसपास की पहाड़ियों पर कई सोते बनाए. 4 सालों के दौरान लोगों ने उन्हें पागल पुकारना शुरू कर दिया, लेकिन मेहनत रंग लाई. अब नाइक देश के हर सूखाग्रस्त इलाके में रहते किसानों की प्रेरणा हैं.
पंक्षियों का ठौर छिनने पर अपने घर को ही घोंसला बना डाला उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रहनेवाले इंद्रपाल सिंह बत्रा का एक ही मकसद है- गौरैया बचाना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल मार्च में मन की बात में इस 'स्पैरो मैन' का जिक्र किया. दरअसल पेड़-पौधों और खुले-खुले घरों की जगह अब कंक्रीट के जंगल ले चुके. इसका असर आंगन में फुदकने वाली गौरैया चिड़िया की आबादी पर भी पड़ा. उन्हें बचाने के लिए इंद्रपाल ने अनोखा तरीका खोजा. उन्होंने अपने घर को ही गौरैया के घोंसले में बदल डाला. उनके घर में अब 100 से अधिक घोंसलें हैं, जहां सैकड़ों पंक्षी रहते हैं. अब उनके आसपास से लेकर दूरदराज के लोग भी उनसे गौरैया को बचाने और बढ़ाने की टिप्स लेने लगे हैं.
व्हील चेयर पर चलने वाले युवक ने कोविड में की लोगों की मदद कोरोना की सेकंड लहर के दौरान जहां सारे लोग डरकर घरों में बैठे हुए थे, पठानकोट का एक दिव्यांग शख्स जरूरतमंद लोगों को राशन बांट रहा था. राजू नाम का ये युवक आर्थिक तौर पर मजबूत नहीं था, बल्कि भीख मांगकर गुजारा किया करता. कोविड के दौरान वो व्हील चेयर पर बैठकर घर से निकलता और मास्क, राशन बांटता चलता. पहले भी वो सोशल वर्क में सक्रिय रहता और अतिरिक्त पैसों को खुद पर खर्च करने की बजाए किसी न किसी काम में लगाता रहा. भीख में मिले पैसों से समाजसेवा करने की वजह से दिव्यांग राजू का जिक्र पीएम मोदी ने मन की बात में कर्मवीर नाम से किया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.







