
वेनेजुएला को लेकर क्या है ट्रंप का प्लान? आए दिन तैनात कर रहे सेना, अब भेजा एक और युद्धपोत
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अमेरिका ने कैरेबियन क्षेत्र में सात युद्धपोत और एक न्यूक्लियर सबमरीन तैनात कर वेनेजुएला पर दबाव बढ़ा दिया है. वॉशिंगटन का दावा है कि यह एंटी-ड्रग ट्रैफिकिंग मिशन है, जबकि वेनेजुएला के नेता को लगता है कि असली निशाना उनकी सरकार है. राष्ट्रपति मादुरो को अमेरिका 'नार्को-टेरर कार्टेल' का सरगना बताता है और उनकी गिरफ्तारी पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मानो वेनेजुएला पर हमले की पूरी तैयारी में जुटे हैं. इस तेल उत्पादक देश के करीब अमेरिका लगभग हर रोज अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है. एक और अमेरिकी युद्धपोत को शुक्रवार रात अटलांटिक सागर की तरफ बढ़ते देखा गया है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह तैनाती वेनेजुएला की समुद्री सीमा के पास दक्षिण कैरेबियन सागर में 'एंटी-ड्रग ट्रैफिकिंग ऑपरेशन' का हिस्सा है. तथाकथित ड्रग ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए अब तक सात युद्धपोतों की तैनाती की गई हैं, जिनमें कुछ तो क्रूज मिसाइलों से लैस है. इनके अलावा न्यूक्लियर-पावर्ड सबमरीन की भी इस तैनाती की गई है.
अमेरिकी युद्धपोत 'लेक ईरी' के बारे में बताया जा रहा है कि यह पिछले दो दिनों से पोर्ट ऑफ रोडमैन (पनामा नहर के पैसिफिक एंट्रेंस पॉइंट) पर खड़ा था. सिग्नल मिलने के बाद पनामा लोकल टाइम के मुताबिक, रात 9.30 बजे अटलांटिक के लिए रवाना हुआ. अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर ड्रग कार्टेल चलाने का आरोप लगाया है, और सैन्य तैनाती इलाके में ड्रग तस्करों से निपटने के लिए है. दूसरी तरफ, वेनेजुएला शासन का मानना है कि असल निशाना उनका देश ही है.
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राष्ट्रपति ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल से ही निकोलस मादुरो पर ड्रग ट्रैफिकिंग के आरोप लगाते रहे हैं. यहां तक कि उनकी सरकार को गैरकानूनी तक बताते रहे हैं. इसी अगस्त की शुरुआत में अमेरिका ने मादुरो को गिरफ्तार करने वालों के लिए इनाम दोगुना कर 50 मिलियन डॉलर यानी 440 करोड़ रुपये से ज्यादा कर दिया था.
अमेरिकी व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लीविट ने गुरुवार को कहा था, "मादुरो शासन वैध सरकार नहीं है. यह एक नार्को-टेरर कार्टेल है. मादुरो वैध राष्ट्रपति नहीं हैं, बल्कि इस ड्रग कार्टेल के भगोड़े सरगना हैं."
'ड्रग ट्रैफिकिंग' से निपटने के लिए अमेरिका की तैयारी!

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