विदेश में घटिया क्वालिटी की दवा सप्लाई करने पर सरकार सख्त, जानिए 18 कंपनियों के लाइसेंस क्यों हुए रद्द
AajTak
केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाते हुए 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. इसके साथ ही 26 कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 20 राज्यों में चलाए गए एक ऑपरेशन के तहत ये सामने आया कि ये कंपनियां दवा की क्वालिटी के साथ छेड़छाड़ कर रही थीं. बता दें कि बीते साल उज्बेकिस्तान और गाम्बिया ने भारत में बनी कफ सिरप को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे.
भारतीय दवा उद्योग के लिए 27 मार्च 2023 यानी बीते मंगलवार की तारीख अहम और हलचल भरी रही है. केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 203 ऐसी फार्मा कंपनियों की पहचान की है, जो दवा की शीशी में 'जहर' भर रही थीं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 राज्यों में एक ऑपरेशन चलाकर इन कंपनियों की पहचान की थी, जिनमें से 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.
इसके साथ ही 26 कंपनियों को नोटिस भेजा गया है. केंद्र सरकार का यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है कि क्योंकि सरकार दुनिया के सामने अपने उभरते हुए अपने फार्मा सेक्टर पर ऐसे कोई दाग नहीं लगने देना चाहती है, जो इसकी छवि को वैश्विक बाजार में धूमिल कर सकते हैं.
भारत को कहा जाता है 'दुनिया का औषधालय' सवाल ये है कि आखिर केंद्र सरकार की तरफ से फॉर्मा कंपनियों पर धड़ाधड़ इस तरह के एक्शन क्यों लिए गए और इस सेक्टर की ग्लोबल इमेज के धूमिल होने की इतनी चिंता क्यों है? इस सवाल का जवाब हमें साल 2021 को शुरुआती महीनों में मिलेगा. असल में जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी और इसकी वैक्सीन बनाए जाने का इंतजार कर रहे थे, उस दौरान में रूस के अलावा भारतीय ड्रग कंपनी ने वैक्सीन विकसित करके पूरी दुनिया के सामने नजीर पेश की थी. इसके कारण भारत को 'दुनिया का औषधालय' कहा गया.
इस सकारात्मक छवि के कारण भारत के फार्मा सेक्टर को दुनिया में एक नई पहचान मिली और इस क्षेत्र के निवेशक भारत की ओर देखने लगे थे. वहीं भारत को विश्व भर में जेनरिक दवाओं के प्रमुख निर्यातक आपूर्तिकर्ता के तौर पर जाना जाता है. भारत दुनिया की कुल वैक्सीन का 60 फीसदी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनिवार्य टीकाकरण अभियान में लगने वाली कुल वैक्सीन का 70 फीसदी उत्पादन करता है.
साल 2022 में आए गाम्बिया और उज्बेकिस्तान के मामले लेकिन, साल 2022 में भारत की इस छवि में दाग लगना शुरू हो गया. अक्टूबर 2022 में गाम्बिया की ओर से कहा गया था कि भारत में निर्मित एक सिरप से उनके यहां 66 बच्चों की मौत हुई थी. वहीं इसके बाद दिसंबर 2022 में उज्बेकिस्तान ने भी अपने यहां बच्चों की मृत्यु के लिए एक भारतीय दवा कंपनी को जिम्मेदार बताया है.
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि उनके देश में 18 बच्चों की मौत एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा बनाई गई कफ सिरप को पीने से हुई है. हालांकि दोनों ही मामलों में, निर्णायक रूप से यह साबित नहीं हो पाया था कि खांसी के सीरप के सेवन से ही बच्चों की मौतें हुई थीं. इसे लेकर बाद में ऐसे भी सवाल उठे थे कि क्या कफ सिरप में प्रतिबंधित रसायनों के मिलने की बात कहना, दवा आपूर्ति कर्ता के रूप में भारत की छवि को धूमिल करने की साजिश थी?
Arunachal Pradesh Sikkim Election Result Live Updates: अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा चुनावों के मतदान की गिनती रविवार को होने जा रही है. अरुणाचल प्रदेश में 50 और सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों पर हुई वोटिंग की मतगणना सुबह छह बजे से शुरू हो जाएगी. अरुणाचल में सत्तारूढ़ बीजेपी ने 60 सदस्यीय विधानसभा में से पहले ही 10 सीटें निर्विरोध जीत ली थी. वहीं, 32 विधानसभा सीटों वाले सिक्किम में सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) को लगातार दूसरी बार जीत की उम्मीद है और विपक्षी एसडीएफ उसे सत्ता से बेदखल करना चाहती है.
सात चरणों के मतदान के बाद लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया. अब 4 जून को नतीजों का इंतजार है, लेकिन इससे पहले इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया का एग्जिट पोल सामने आ गया है. इसमें NDA गठबंधन को 361-401 सीटें मिलने के आसार जताए गए हैं, वहीं इंडिया ब्लॉक 131-166 के बीच सिमट सकता है. एग्जिट पोल के मुताबिक देश की कई सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. जानिए इन VVIP सीटों पर एग्जिट पोल का अनुमान क्या कह रहा है...
Uttar Pradesh Exit Poll Result: एग्जिट पोल के मुताबिक, यूपी में इस बार एनडीए (BJP+) की सीटें बढ़ सकती हैं. वोट प्रतिशत की बात करें तो एनडीए को 49 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं, 'इंडिया' गठबंधन को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. बात अगर सीट की करें तो BJP की अगुवाई वाले एनडीए को 67 से 72 सीटें मिल सकती हैं, वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को आठ से 12 सीटें मिल सकती हैं.