
वर्चुअल जेल, डिजिटल अरेस्ट और नकली अफसर, किस तरह लोगों को लूट रहे साइबर ठग!
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What Is Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट के कई मामले पिछले दिनों देखने को मिले हैं. इस तरह के मामलों में स्कैमर्स लोगों को पुलिस की धमकी देकर डराते हैं. मामले को ज्यादा मजबूत बनाने के लिए स्कैमर्स नकली अधिकारी बनकर बात करते हैं. इससे सामने वाला शख्स डर जाता है और खुद को पुलिस केस से बचाने के लिए आसानी से पैसे दे देता है. आइए जानते हैं पूरा मामला.
अनजान नंबर से आई एक कॉल न सिर्फ आपके अकाउंट को पूरी तरह खाली कर देगी, बल्कि आपको अपने जाल में कुछ इस तरह से फंसाएगी की बचने का कोई रास्ता नजर नहीं आएगा. आखिर में आप सिर्फ वही करेंगे जो सामने वाला कहेगा. इसलिए वक्त रहते सावधान हो जाइए.
दिल्ली-NCR के इलाकों में ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों से अब इस तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. जहां साइबर ठगों ने लोगों को मजबूर कर उनके पैसे हड़प लिए. ताजा मामला नोएडा का है. यहां पर साइबर ठगों ने एक महिला इंजीनियर को इतना डरा दिया की उसने खुद से ग्यारह लाख रुपये ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए.
रीता यादव के मुताबिक कुछ दिनों पहले एक महिला इंजीनियर ने शिकायत दी कि उसके पास सुबह-सुबह एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने बताया कि वह ट्राई से बोल रहा है और अगले 2 घंटे में उसका फोन बंद हो जाएगा. इसके बाद उस शख्स ने महिला को एक नंबर दिया और बोला कि यह क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर का नंबर है इनसे बात कर लीजिए.
महिला ने इंस्पेक्टर को तुरंत कॉल किया, वो शख्स तुरंत Skype काल पर आ गया, उसने महिला से कहा कि पहले तो आप कहीं जाएंगी नहीं. अब बैठ जाइए. आपसे लंबी पूछताछ करनी है.
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फिर उस नकली इंस्पेक्टर ने कहा की आपका आधार और मोबाइल नंबर मनी लॉन्ड्रिंग में आया है. एक अकाउंट खोला गया है जिसके जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई है और कमीशन के तौर पर महिला को 20 लख रुपये मिले हैं.

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