'...वरना बेकसूरों की मौत के जिम्मेदार आप होंगे', अस्पतालों और एयरपोर्ट को मिले 'कोर्ट ग्रुप' के धमकी भरे ईमेल में क्या लिखा?
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दिल्ली के अस्पताल के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को भी धमकी भरा ईमेल मिला है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. एयरपोर्ट पर तलाशी की जा रही है. एक ही मेल आईडी से अस्पताल और इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ईमेल भेजा गया है. यह ईमेल दोपहर करीब 3 बजे भेजा गया था. इस ईमेल में किसी 'कोर्ट' ग्रुप का भी जिक्र किया गया है.
दिल्ली के 10 से ज्यादा अस्पतालों को धमकी भरे ईमेल भेजे गए. इस ईमेल में अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई. इसके बाद इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी धमकी भरा ईमेल मिला. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. ईमेल एक ही मेल आईडी से अस्पताल और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को भेजा गया था.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कुछ अस्पतालों की जांच की और कुछ अस्पताल प्रशासन ने भी अपने मानकों की जांच की. लेकिन, न तो एयरपोर्ट पर और न ही अस्पतालों में कुछ मिला.
दरअसल, रविवार दोपहर साढ़े तीन बजे जीटीबी अस्पताल में बम होने की अफवाह वाला एक मेल मिला. इसके बाद अस्पताल के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस को उस मेल के बारे में जानकारी दी. पुलिस तुरंत हरकत में आई और बम निरोधक दस्ते को अस्पताल में बुलाया और जीटीबी अस्पताल और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान (जीटीबी अस्पताल के परिसर में स्थित) में जांच की. लेकिन, कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.
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'कोर्ट ग्रुप' के धमकी भरे ईमेल में ये बातें लिखी'
बता दें कि धमकी भरे ईमेल में लिखा था, 'मैंने आपकी बिल्डिंग के अंदर विस्फोटक उपकरण (Explosive devices) रखा है, जो कुछ घंटों में फटेगा. ये कोई धमकी नहीं है. आपके पास बस कुछ समय बचा है बम तलाशने के लिए. वरना बिल्डिंग में मौजूद निर्दोष लोगों के मौत के जिम्मेदार आप होंगे.' इसके अलावा इस ईमेल में किसी 'कोर्ट' ग्रुप का भी जिक्र किया गया है.
स्वाति मालीवाल ने कहा, 'विभव ने मुझे 7-8 थप्पड़ पूरी जोर से मारे. जब मैंने उन्हें पुश करने की कोशिश की तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया और मुझे नीचे घसीट दिया, उसमें मेरा सिर सेंटर टेबल से टकराया. मैं नीचे गिरी और फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया. मैं बहुत जोर-जोर से चीख-चीखकर हेल्प मांग रही थी लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया.'
राहुल गांधी लगातार जिस तरह कांग्रेस पार्टी और अपने पूर्वजों को घेर रहे हैं उससे क्या कांग्रेस का नुकसान नहीं हो रहा है? पर इसे इतने साधारण रूप में भी नहीं लिया जा सकता है. हो सकता है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितना बेहतर कम्युनिकेटर न हों, बेहतर संगठनकर्ता न हों पर ऐसा भी नहीं हैं कि उन्हें रणनीतिकार के तौर पर भी खारिज कर दिया जाए.