
वक्फ कानून के खिलाफ रैली, एक अफवाह और हिंसा... बंगाल के मुर्शिदाबाद में कैसे बिगड़ा माहौल
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वक्फ विधेयक के खिलाफ यह रैली PWD ग्राउंड, जंगीपुर में कई संगठनों द्वारा आयोजित की गई थी. मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों से लोगों का जमावड़ा यहां हो रहा था. वहीं, रामनवमी के अवसर पर कई जगहों पर शोभायात्राएं भी निकाली जा रही थीं, जिससे पुलिस बल पहले से ही विभाजित था और PWD ग्राउंड पर तैनाती अपेक्षाकृत कम थी.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. जंगीपुर क्षेत्र में आयोजित इस विरोध रैली में हजारों लोग जुटे थे, जिनकी मांग थी कि इस विवादास्पद कानून को वापस लिया जाए. लेकिन विरोध प्रदर्शन जल्द ही उग्र हो गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया.
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वक्फ विधेयक के खिलाफ यह रैली PWD ग्राउंड, जंगीपुर में कई संगठनों द्वारा आयोजित की गई थी. मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों से लोगों का जमावड़ा यहां हो रहा था. वहीं, रामनवमी के अवसर पर कई जगहों पर शोभायात्राएं भी निकाली जा रही थीं, जिससे पुलिस बल पहले से ही विभाजित था और PWD ग्राउंड पर तैनाती अपेक्षाकृत कम थी.
इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के पास पहुंचकर सड़क को जाम कर दिया. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, तभी एक व्यक्ति गिर गया. इसके बाद अफवाह फैल गई कि वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया या उसकी मृत्यु हो गई है. इस अफवाह ने भीड़ को और उग्र कर दिया. देखते ही देखते पुलिस पर पथराव शुरू हो गया और भीड़ ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी. सड़क किनारे खड़ी कई अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.
कई इलाकों में धारा 163 लागू, इंटरनेट बंद
स्थिति बिगड़ने के बाद प्रशासन को अन्य इलाकों से भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया. घंटों की मशक्कत के बाद ही हालात काबू में आ पाए. इस बीच, राष्ट्रीय राजमार्ग कई घंटों तक बाधित रहा. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज और सूती इलाकों में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (BNSA) की धारा 163 लागू कर दी है. इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं, ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके.

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