
लाल सागर में हूती विद्रोहियों का हमला भारत के लिए क्यों बना सिरदर्द, क्या है इसका हमास से कनेक्शन?
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इजरायल और हमास युद्ध के चलते रेड सी में तनाव बढ़ रहा है. यमन के हूती विद्रोही समुद्र में जंग छेड़ चुके. वे अमेरिका समेत लाल सागर से गुजरने वाले करीब-करीब सभी व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं ताकि इजरायल पर प्रेशर बढ़े. हूती विद्रोहियों की ये समुद्री जंग भारत पर भी असर डाल रही है.
लाल सागर में हूती विद्रोहियों के कारण टेंशन बढ़ चुकी है. अमेरिका की मानें तो नवंबर के तीसरे हफ्ते से लेकर अब तक हूतियों ने लगभग दो दर्जन व्यापारिक जहाजों पर हमला किया. जहाजों को नुकसान पहुंचाने के लिए बैलिस्टिक मिसाइलें भी इस्तेमाल हो रही हैं. इस अटैक का सीधा मकसद उन सभी देशों को नुकसान पहुंचाना है, जो किसी न किसी तरह इजरायल को सपोर्ट करते हैं, या उससे दोस्ताना ताल्लुक हैं. इस समुद्री उठापटक का सीधा असर भारत पर भी हो रहा है.
क्यों अहम है रेड सी
लाल सागर उन जहाजों के लिए एंट्री पॉइंट है, जो स्वेज नहर का इस्तेमाल करते हैं. ये नहर एशिया और यूरोप के बीच सबसे छोटा समुद्री रास्ता है. कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी रूट से हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा का बिजनेस होता है. भारत की बात करें तो हमारा 20 प्रतिशत से भी अधिक एक्सपोर्ट इस नहर के जरिए रेड सी से होकर गुजरता है.
तेल इसी रास्ते से आता है
इस रूट से होकर जहाज मुंबई, कोच्चि, मेंगलुरु, गोवा और चेन्नई से होकर सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड वियतनाम जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में जाते हैं. लेकिन इससे भी जरूरी बात ये है कि इससे देश का सबसे ज्यादा क्रूड ऑइल आता है. बीते साल हमारे यहां आयात हुआ 65 प्रतिशत तेल रेड सी से होकर पहुंचा था. खासकर रूस से क्रूड ऑइल इसी रूट के जरिए हम तक पहुंच रहा है. अब इस रास्ते पर हमले बढ़ने से जहाजों को लंबा रास्ता लेना होगा, जो कि बहुत ज्यादा खर्चीला होगा.

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