
लाल सागर में हूतियों का खतरा भारत को पहुंचा रहा बड़ा नुकसान!
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लाल सागर में जहाजों पर हूतियों का खतरा बढ़ता जा रहा है. भारत को भी खतरे से काफी नुकसान हो रहा है. खतरे को देखते हुए लाल सागर से होने वाला भारत का निर्यात भी गिरता जा रहा है.
लाल सागर में माल ढोने वाले जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले ने भारत के लिए मुश्किल पैदा कर दी है. हमले की बढ़ती आशंकाओं को देखते हुए निर्यातक शिपमेंट रोक रहे हैं और इस वजह से भारत के निर्यात में 30 अरब डॉलर की गिरावट हो सकती है.
नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक, रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज ने अपने शुरुआती मूल्यांकन में कहा है कि पिछले साल भारत का कुल निर्यात लगभग 451 अरब डॉलर का था. लेकिन लाल सागर से गुजरने वाले मालवाहक जहाजों पर हमले के डर से इसमें लगभग 6-7% की गिरावट देखी जा सकती है.
थिंकटैंक के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने ब्लूमबर्ग से बात करते हुए कहा, 'लाल सागर में चल रहा संकट भारत के व्यापार को प्रभावित करेगा और इसमें और गिरावट हो सकती है.'
हालांकि, सरकार ने लाल सागर में जहाजों पर हमले के कारण निर्यात के नुकसान का कोई अनुमान जारी नहीं किया है.
विश्व की सबसे बड़ी शिप ब्रोकर यूनिट क्लार्कसन रिसर्च सर्विसेज लिमिटेड के अनुसार, लाल सागर पर बढ़ते खतरों को देखते हुए स्वेज नहर से गुजरने वाले जहाजों की संख्या में भी दिसंबर 2023 की पहली छमाही की तुलना में 44 प्रतिशत की गिरावट आई है.
भारत के लिए लाल सागर का समुद्री मार्ग निर्यात मार्गों में से सबसे भरोसेमंद रास्ता है क्योंकि यह भारत को यूरोप, अमेरिका के पूर्वी तट, मध्य-पूर्व और अफ्रीकी देशों से जोड़ता है. जहाजों पर हमले को देखते हुए मोदी सरकार निर्यात जहाजों के लिए सुरक्षित रास्ता तलाशने के लिए निर्यात आयोग परिषदों के साथ बातचीत कर रही है.

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