'लाल लकीर' के घरों में रह रहे लोगों के नाम होगी प्रॉपर्टी, पंजाब सरकार का ऐतिहासिक फैसला
AajTak
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में पंजाब कैबिनेट की ओर से लाल लकीर के घरों को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए कहा गया कि नई स्कीम के तहत गांवों और शहरों में आने वाले लाल लकीर के घरों को वहां रह रहे लोगों के नाम किया जाएगा.
पंजाब सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले के तहत गांवों और शहरों में आने वाले लाल लकीर के घरों को वहां रह रहे लोगों के नाम कर दिया जाएगा. 'मेरा घर मेरे नाम' स्कीम के तहत लाल लकीर में रह रहे पंजाब के लोगों को फायदा होगा. पंजाब के NRI की प्रॉपर्टी पर कब्जा रोकने और प्रॉपर्टी NRI के नाम ही रहे, इसे लेकर भी जल्द ही पंजाब सरकार एक्ट लाएगी.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.