लखीमपुर से बदली UP की सियासी फिजा, SP से गठबंधन पर जयंत क्यों नहीं खोल रहे पत्ते
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लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की बदलती सियासी फिजा में 2022 के चुनावी बिसात बिछाने में जुटे सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल भी शुरू हो गया है. राजनीतिक दल अपने नफा और नुकसान को तौलने में जुट गए हैं. सपा से गठबंधन पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अब अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार आरएलडी के साथ चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
राजनीति कब किस करवट बैठेगी यह कोई नहीं बता सकता. सियायत में न तो कोई किसी का स्थायी दोस्त होता है और न ही स्थायी दुश्मन. लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की बदलती सियासी फिजा में 2022 के चुनावी बिसात बिछाने में जुटे सियासी दलों के बीच शह-मात का खेल भी शुरू हो गया है. राजनीतिक दल अपने नफा और नुकसान को तौलने में जुट गए हैं तो कुछ अपनी बार्गेनिंग पोजिशन भी बढ़ाने में लगे हैं. इसी कड़ी में सपा से गठबंधन पर आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अब अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार आरएलडी के साथ चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
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