
रेपो रेट में कटौती रियल एस्टेट के लिए बूस्टर डोज, एक सुर में बोले एक्सपर्ट्स- घर खरीदने का यही समय
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RBI के इस फैसले को रियल एस्टेट के लिए बूस्टर डोज के तौर पर देखा जा रहा है. रेपो रेट में कटौती के ऐलान के साथ ही फाइनेंस और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में तेजी बनी हुई है.
आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 5.25 फीसदी कर दिया है, MPC की बैठक के बाद संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती का ऐलान किया है, RBI के इस फैसले को रियल एस्टेट के लिए बूस्टर डोज के तौर पर देखा जा रहा है. रेपो रेट में कटौती के ऐलान के साथ ही फाइनेंस और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में तेजी बनी हुई है. रियल एस्टेट के तमाम दिग्गज RBI के इस फैसले की सराहना कर रहे हैं. नारेडको के अध्यक्ष प्रवीण जैन का कहना है कि रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती इकोनॉमी और रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति देने की दिशा में एक जरूरी कदम है. पिछले कुछ महीनों में RBI ने महंगाई को कंट्रोल करने और कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए जो कोशिशें की हैं, वे तारीफ के काबिल हैं. इस कटौती से लिक्विडिटी बेहतर होगी और कई सेक्टरों में नए इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा. विशेष रूप से अब होम लोन ज्यादा किफायती होंगे, जिससे घर खरीदार प्रोत्साहित होंगे, घर की डिमांड बढ़ेगी. इसका सकारात्मक असर इससे जुड़े उद्योगों पर भी पड़ेगा, जिससे ज्यादा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. टियर-2 और टियर-3 शहरों में डेवलपर्स और खरीदारों दोनों के बीच दिलचस्पी को और बढ़ा सकते हैं.
बेसिक होम लोन के सीईओ और सह-संस्थापक अतुल मोंगा रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के फैसला को विकास को रफ्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम बता रहे हैं. होम लोन लेने वालों के लिए यह एक स्वागत योग्य कदम है. अधिकांश फ्लोटिंग रेट होम लोन सीधे रेपो दर से जुड़े होने के कारण, उधारकर्ता अपने लोन की ईएमआई में राहत की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि बैंक और ऋणदाता संस्थान इसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं.
जहां तक संभावित घर खरीदारों का सवाल है, ब्याज दर कम होने से घर खरीदारी तेजी की संभावना है. यह विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए राहत की खबर है. मुझे उम्मीद है कि इस कदम से आवास की मांग में सुधार होगा और उपभोक्ता विश्वास में सुधार होगा.
ब्याज दर में कटौती का सीधा फायदा घर खरीदने वालों को मिलेगा, क्योंकि अब EMI कम लगेगी. बीएलएस ई-सर्विसेस लिमिटेड के चेयरमैन शिखर अग्रवाल का कहना है कि RBI के इस फैसले से लीडिंग PSU और प्राइवेट सेक्टर बैंकों के सबसे बड़े बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट/बिजनेस फैसिलिटेटर के तौर फायदा होगा.
लोहिया वर्ल्डस्पेस के निदेशक पीयूष लोहिया की मानें तो आरबीआई द्वारा रेपो दर को घटाकर 5.25% करने का निर्णय बाजार की स्थिरता को मजबूत करता है, विकास और मुद्रास्फीति के बीच तालमेल बनाने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण का संकेत देता है. यह स्पष्टता डेवलपर्स और घर खरीदारों, दोनों के लिए फायदेमंद है, जिससे निर्णय लेने के लिए एक पूर्वानुमानित वातावरण मिलता है. जीडीपी वृद्धि दर का 7.3% तक ऊपर की ओर संशोधित होना टियर-2 बाजारों के लिए विशेष रूप से सकारात्मक है, जहां बढ़ती आकांक्षाएं किफायती, गुणवत्तापूर्ण आवास की आवश्यकता को पूरा करती हैं.
वहीं रेपो रेट 25 bps की कटौती को इमामी रियल्टी के MD और CEO डॉ. नितेश कुमार लाखों भारतीय होमबॉयर्स के लिए गेम-चेंजर बता रहे हैं. फरवरी 2025 से अब तक हुई 150 bps की कुल कटौती के साथ, यह सिर्फ मॉनेटरी ईज़िंग नहीं है, यह वह निर्णायक पल है, जो तीन साल तक ऊंची EMI चुकाने के बाद सैलरीड मिडिल क्लास के लिए असली हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी वापस लाता है. उसी इनकम पर लोन एलिजिबिलिटी 8-10% बढ़ गई है. रियल्टी सेक्टर में टर्निंग पॉइंट देखने को मिल रहा है. अक्टूबर में हुई कटौती के बाद से, फुटफॉल और सीरियस पूछताछ में 25-30% की बढ़ोतरी हुई है. अफोर्डेबल और मिड सेगमेंट में बुकिंग, जो भारतीय हाउसिंग की असली जान है, पहले ही तेजी से बढ़ी है. यह फैसला इस मोमेंटम को पूरी तरह से रिवाइवल में बदल देगा.













