
रूस के खिलाफ ये फैसला लेकिन भारत के लाखों लोग होंगे प्रभावित
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यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण रूस पर जारी आर्थिक प्रतिबंध के बीच जी-7 देशों ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. G-7 समूह ने यह प्रतिबंध रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के मकसद से लगाया है. जी-7 का यह नया प्रतिबंध भारत के लाखों डायमंड श्रमिकों के लिए संकट का सबब बन सकता है.
हाल ही में संपन्न हुए जी-7 समिट में सदस्य देशों ने रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए जी-7 देशों ने रूसी जहाज, विमान और रूसी हीरों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस नए प्रतिबंध से भारत के डायमंड इंडस्ट्री में काम कर रहे दस लाख श्रमिकों का रोजगार अधर में लटक गया है.
दरअसल, दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग भारत में होती है. इन हीरों में रूसी हीरे भी शामिल होते हैं. भारत रूस के अलरोसा से हीरे आयात करता है. दुनिया के कुल हीरे का लगभग 30 प्रतिशत हीरे का उत्पादन अलरोसा में होता है. आयातित हीरों को भारतीय डायमंड कंपनियां कटिंग और पॉलिशिंग कर जी-7 देशों को निर्यात करती हैं.
G-7 देशों की ओर से रूस पर नए प्रतिबंध की घोषणा के बाद जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा है कि अगर रूस पर यह प्रतिबंध जारी रहा तो भारत के 10 लाख लोगों के रोजगार पर तलवार लटक जाएगी.
जी-7 देशों ने रूस पर लगाए नए प्रतिबंध
रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के मकसद से पश्चिमी देश यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. इस आर्थिक प्रतिबंध के कारण रूसी राजस्व में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट भी देखी गई. लेकिन रूस ने हीरा निर्यात को बढ़ाकर इसकी भरपाई करने की कोशिश की.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने 2021 में सिर्फ हीरा निर्यात से लगभग 4 अरब डॉलर की कमाई की थी. इसलिए बहुत पहले से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन रूसी हीरों पर कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं.

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