
रुपये पर रूस से नहीं बनी बात, भारत को लेना पड़ रहा चीन का सहारा?
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने रूसी तेल की खरीद बढ़ा दी है. लेकिन रूस पर प्रतिबंधों के चलते डॉलर में भुगतान में दिक्कत आ रही है. भारत संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा दिरहम में रूसी तेल की कुछ मात्रा के लिए भुगतान कर रहा है. अब खबर है कि चीन भी भारत को भुगतान में मदद कर रहा है.
भारत-रूस के बीच रुपये में भुगतान तंत्र स्थापित करने पर बातचीत विफल हो जाने बाद अब खबर है कि कुछ भारतीय रिफाइनर रूस से तेल आयात के लिए चीन की मुद्रा युआन में भुगतान कर रहे हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कच्चे तेल के सबसे बड़े भारतीय खरीददार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने सबसे पहले रूसी तेल के भुगतान के लिए युआन का इस्तेमाल किया था.
यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिस कारण रूस व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर से इतर दूसरे देशों की मुद्रा में व्यापार के लिए मजबूर है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़े खरीददार के रूप में उभरा है लेकिन रूसी तेल के भुगतान को लेकर समस्याएं आती रही हैं.
कच्चे तेल की खरीद-बिक्री के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर का इस्तेमाल होता आया है. भारत भी अपने कच्चे तेल की खरीद के लिए डॉलर में भुगतान करता आया है लेकिन अब रूस डॉलर के बजाए चीन और अन्य देशों की मुद्रा में भुगतान ले रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पश्चिम ने रूस पर प्रतिबंध लगाकर उसे डॉलर और यूरो वित्तीय नेटवर्क से बाहर कर दिया है.
मामले से परिचित तीन सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि देश का सबसे बड़ा तेल खरीददार इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन कुछ मात्रा में रूसी कच्चे तेल के लिए युआन में भुगतान करने वाला पहला सरकारी रिफाइनर बन गया है.
दो अन्य सूत्रों ने बताया है कि भारत की तीन प्राइवेट रिफाइनर कंपनियों में से कम से कम दो रूसी आयात के लिए युआन में भुगतान कर रही हैं.
मामले की संवेदनशीलता के कारण सभी सूत्रों ने नाम बताने से इनकार कर दिया. भारत के निजी रिफाइनरों, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, नायरा एनर्जी और एचपीसीएल मित्तल एनर्जी लिमिटेड ने भी मामले पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.








