
राष्ट्रपति चुनावः 'जो सही लगे, वह करें', मतदान को लेकर विरोधी खेमे के प्रतिनिधियों को यशवंत सिन्हा का संदेश
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राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को जयपुर पहुंचकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की. यशवंत सिन्हा ने सीएम से मुलाकात के बाद कहा कि दूसरी तरफ के प्रतिनिधियों से कहना चाहता हूं कि स्थिति को देखकर जो सही लगे, वह करें.
देश का अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी बीजेपी में ही रहे यशवंत सिन्हा पर दांव लगाया है. राष्ट्रपति पद के दोनों ही उम्मीदवार राज्यों का दौरा कर अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं.
विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा सोमवार को राजस्थान पहुंचे थे. राजस्थान की राजधानी जयपुर में यशवंत सिन्हा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात की और पत्रकारों से बातचीत भी की. यशवंत सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रपति बना तो एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करा दूंगा.
उन्होंने कहा कि यह नहीं बताऊंगा कि राष्ट्रपति बनने के बाद एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने के लिए किस ताकत का इस्तेमाल करूंगा लेकिन इसे बंद कराऊंगा. उन्होंने यह भी कहा कि संविधान का निर्माण करने वालों ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दो चीजें की. यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित वो दो बातें भी बताईं.
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार ने कहा कि एक तो ये कि इस चुनाव को लेकर पार्टियों की ओर से जारी किया जाने वाला व्हिप लागू नहीं होता है. उन्होंने कहा कि दूसरी बात ये कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव सीक्रेट बैलेट से होता है. उन्होंने सत्ताधारी खेमे के निर्वाचित प्रतिनिधियों से भी एक तरह से अंतरात्मा की आवाज पर मतदान करने की अपील कर दी.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि दूसरी तरफ के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी कहना चाहूंगा कि स्थिति देखें और जो सही है, वह करें. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के हालात देश में बने हुए हैं, उनकी वजह से राष्ट्रपति पद का चुनाव असाधारण स्थितियों में हो रहा हैं. विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी टकराव की स्थिति चाहते थे.
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन ने टकराव की स्थिति बनाने के लिए ही राष्ट्रपति पद के लिए आम सहमति बनाने के प्रयास नहीं किए. वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि देश की स्थिति चिंताजनक है, तनावपूर्ण है. राजस्थान के सीएम ने कहा कि स्थिति नियंत्रित करने के लिए लोगों से अपील करें, पीएम मोदी से ये मांग की है लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे.

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