
रामनाथ कोविंद का फर्जी लेटर, पूर्व CJI लोढ़ा को नियुक्ति की फेक बधाई और जालसाजों ने खोल लिया फर्जी 'ACB', ऐसे पकड़े गए
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सीबीआई अदालत में दायर चार्जशीट में एजेंसी ने आरोप लगाया कि चेन्नई में रेनिंगस्टन सेल्स और विंसेंट राजू ने एंटी करप्शन ब्यूरो का एक फेक जोनल ऑफिस खोला था और इसका मुख्यालय दिल्ली में बताया था. उन्होंने पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा को इसका फेक चीफ नियुक्त कर दिया था.
चेन्नई में जालसाजी करने वाले दो लोगों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है. इन आरोपियों ने एक फर्जी एंटी करप्शन ब्यूरो बना लिया था और पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा को इसका चीफ नियुक्त कर दिया था. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति का फर्जी लेटर भी उन्होंने रखा था.
सीबीआई अदालत में बुधवार को दायर चार्जशीट में जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि चेन्नई में रेनिंगस्टन सेल्स और विंसेंट राजू ने एंटी करप्शन ब्यूरो का एक फेक जोनल ऑफिस खोला था और इसका मुख्यालय दिल्ली के पहाड़गंज में बताया था.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि इस संस्थान का चीफ पूर्व सीजेआई आरएम लोढ़ा को बनाया गया था और दोनों ने 11 मई, 2018 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम से उनकी नियुक्ति पर बधाई देते हुए एक फेक लेटर भी दिखाया था. सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने फर्जी संस्थान को वैधता देने के लिए ऐसा किया था.
एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कहा, आरोपियों ने कथित तौर पर केंद्रीय कार्मिक और पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के नाम पर एक फर्जी पत्र भी तैयार किया था, जिसमें कथित तौर पर भारत के एसीबी विंग के अध्यक्ष के रूप में जस्टिस लोढ़ा की नियुक्ति के बारे में राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को सूचित किया गया था.
जालसाजी से 25 लाख रुपये इकट्ठे किए
इसके साथ ही सीबीआई ने आरोप लगाया कि इन दोनों ने साधारण लोगों को अपने फर्जी संगठन के सदस्यों और पदाधिकारियों के रूप में भर्ती कर सदस्यता शुल्क के रूप में एक बैंक अकाउंट के खाते में 25 लाख रुपये इकट्ठे किए. चार्जशीट में आरोप है कि उन्होंने चेन्नई के इंडियन बैंक के अकाउंट से 10 लाख रुपये से अधिक राशि निकाली गई, जो साबित करता है कि अपराध की आय के लाभार्थी थे.

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