
राजा की मौत, सोनम गायब... मेघालय में हनीमून कपल के साथ क्या हुआ? 3 रहस्यमयी पुरुषों की एंट्री से बढ़ा सस्पेंस
AajTak
मेघालय में इंदौर से हनीमून पर गए राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मावलाखियात के एक टूरिस्ट गाइड ने दावा किया है कि 23 मई को लापता होने से पहले कपल के साथ तीन अजनबी पुरुष भी थे. गाइड की गवाही के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है. राजा का शव गहरी खाई से बरामद हो चुका है, लेकिन सोनम अब भी लापता है. परिवार का आरोप है कि प्रशासन सोनम की तलाश गंभीरता से नहीं कर रहा.
इंदौर से मेघालय घूमने पहुंचे नवविवाहित कपल राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम का मामला अब रहस्य और संदेह से घिरता जा रहा है. 23 मई को कपल के लापता होने के बाद 2 जून को राजा का शव एक खाई से बरामद हुआ, लेकिन सोनम का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इस बीच मेघालय के मावलाखियात इलाके के एक लोकल टूरिस्ट गाइड अल्बर्ट पीडी ने बड़ा दावा किया है. उसने 23 मई को राजा और सोनम को तीन अन्य पुरुषों के साथ देखा था. ये सभी ट्रेकिंग पर निकले थे और एक साथ 3,000 सीढ़ियां चढ़ रहे थे.
एजेंसी के मुताबिक, गाइड ने बताया है कि चारों पुरुष आगे चल रहे थे, जबकि सोनम पीछे थीं. वे हिंदी में बात कर रहे थे, लेकिन गाइड केवल खासी और अंग्रेजी भाषा समझता है, इसलिए बातचीत को नहीं समझ पाया.
गाइड ने यह भी बताया कि उसने एक दिन पहले यानी 22 मई को कपल को Nongriat ट्रेक के लिए अपनी गाइड सर्विस ऑफर की थी, जिसे उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया कि वे पहले से किसी दूसरे गाइड के साथ बुकिंग कर चुके हैं. बाद में पता चला कि उन्होंने Bha Wansai नाम के दूसरे गाइड को हायर किया था और Shipara Homestay में रात गुजारी थी, लेकिन 23 मई की सुबह जब वे वापस चढ़ाई कर रहे थे, तब उनके साथ कोई गाइड नहीं था.
गाइड की इस गवाही ने मामले को और पेचीदा बना दिया है. पुलिस ने उसकी स्टेटमेंट ले ली है और उसकी बताई जानकारी की तस्दीक की जा रही है. बता दें कि खोजबीन के दौरान राजा रघुवंशी का शव 2 जून को सोहरा क्षेत्र के वीसावडोंग जलप्रपात के पास एक गहरी खाई से बरामद हुआ था. शव की हालत काफी खराब थी और शव से राजा की सोने की अंगूठी और चेन गायब थी, जिससे लूटपाट और हत्या की आशंका जताई गई.
यह भी पढ़ें: हनीमून कपल मिस्ट्री: मेघालय से सोनम के अपहरण और बांग्लादेश में तस्करी की आशंका! परिवार ने मांगी CBI जांच

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







