
ये एक वजह... शेयर बाजार धराशायी, GDP के शानदार आंकड़ों के बाद भी गिरावट
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Stock Market में सोमवार को तेज गिरावट देखने को मिली और सेंसेक्स-निफ्टी खुलने के साथ ही बिखर गए. बड़ा सवाल ये है कि चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े उम्मीद से बेहतर होने के बावजूद बाजार में राहत नहीं मिली है.
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है और वर्ल्ड बैंक से लेकर आईएमएफ तक ने इसका लोहा माना है, चौथी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े भी शानदार रहे हैं. बीते सप्ताह सरकार ने Q4 GDP Growth के बारे में जानकारी शेयर की और बताया कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ उम्मीद बेहतर 7.4 फीसदी रही है. लेकिन इन शानदार आंकड़ों के बाद भी सोमवार को शेयर बाजार पर इसका असर देखने को नहीं मिला और सेंसेक्स-निफ्टी खुलने के साथ ही धराशायी हो गए. BSE Sensex 700 अंक से ज्यादा, तो NSE Nifty 200 अंक फिसल गया. आइए जानते हैं इसके पीछे एक्सपर्ट्स क्या वजह बता रहे हैं?
सेंसेक्स-निफ्टी में तेज गिरावट सबसे पहले बात करते हैं शेयर मार्केट (Share Market) में सोमवार को आई गिरावट के बारे में, तो बता दें कि बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स अपने पिछले बंद 81,451.01 की तुलना में फिसलकर 81,214.42 के लेवल पर ओपन हुआ और सुबह 9:25 बजे के आसपास 740 अंक गिरकर 80,688.77 के स्तर पर आ गया. सेंसेक्स की तरह ही खुलते ही धड़ाम नजर आया. Nifty ने अपने पिछले बंद 24,750.70 के लेवल से टूटकर 24,669.70 पर कारोबार शुरू किया और कुछ ही देर में 24,539.30 के लेवल तक गिर गया. शुरुआती कारोबार में Reliance, Tata Motors, HDFC Bank, Tata Steel, Titan जैसे दिग्गज कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूटे.
मजबूत GDP के आंकड़े, फिर भी फिसला बाजार मजबूत घरेलू आंकड़ों और GDP Growth के बावजूद बढ़ती वैश्विक चिंताओं ने निवेशकों के सेंटिमेंट को कमजोर किया है, जिसका असर शेयर बाजार में गिरावट के रूप में देखने को मिला है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटिजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार की मानें तो वैश्विक स्तर पर टैरिफ संबंधी नई चिंताओं ने प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा की हैं, जो तेजी को रोक रही हैं. हालांकि, घरेलू स्तर पर अनुकूल परिस्थितियां भी हैं, जो निचले स्तरों पर बाजार को सहारा देने का काम करेंगीं.
ट्रंप के 50% टैरिफ से बाजार पर असर विजयकुमार के मुताबिक, ग्लोबल ट्रेड टेंशन को इक्विटी मार्केट्स के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर 50% टैरिफ (Steel And Aluminium Tariff) लगाने से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि Tariff और व्यापार परिदृश्य अनिश्चित और अशांत बना रह सकता है. इस प्रतिकूल परिस्थिति का असर बाजारों पर भी पड़ेगा. कुछ ऐसी ही चिंताओं को दोहराते हुए मेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वीपी (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने दलाल स्ट्रीट पर संभावित उथल-पुथल की चेतावनी दी है.
रूस-युक्रेन में संघर्ष बढ़ने का भी डर एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) के वरिष्ठ रिसर्च प्रमुख देवर्ष वकील ने जोखिम कम करने की धारणा को और मजबूत करते हुए कहा कि शानदार जीडीपी आंकड़ों (GDP Growth Rate Data) के बावजूद भारतीय बाजारों में मंदी (Recession) रहने की संभावना बनी हुई है, क्योंकि यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) बढ़ने की आशंका है. इस बीच तकनीकी संकेतक बताते हैं कि निफ्टी को निकट भविष्य में आगे बढ़ने में कठिनाई पेश आ सकती है. लेकिन इस बीच घरेलू मोर्चे पर अनुकूल परिस्थितियां सपोर्ट दे सकती हैं.
(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)













