
यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए इतने छात्रों ने कराया रजिस्ट्रेशन, पिछले साल के मुकाबले कम रहे आंकड़े
AajTak
यूपी बोर्ड 2025 की परीक्षा में हाईस्कूल में 27 लाख 40 हजार 151 और इंटरमीडिएट परीक्षा में 26 लाख 98 हजार 446 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसी पहले हुई परीक्षा में 55 लाख 25 हजार 308 परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था, जिनमें से 29 लाख 47 हजार 311 हाई स्कूल के लिए और 25 लाख 77 हजार 997 इंटरमीडिएट के लिए छात्र पंजीकृत थे.
एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा यूपी बोर्ड 2025 के लिए छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है. इस परीक्षा में 54 लाख 38 हजार 597 परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया है. हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस साल कम छात्र एग्जाम के लिए पंजीकृत हुए है.
यूपी बोर्ड की इस परीक्षा में हाईस्कूल में 27 लाख 40 हजार 151 और इंटरमीडिएट परीक्षा में 26 लाख 98 हजार 446 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसी पहले हुई परीक्षा में 55 लाख 25 हजार 308 परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था, जिनमें से 29 लाख 47 हजार 311 हाई स्कूल के लिए और 25 लाख 77 हजार 997 इंटरमीडिएट के लिए छात्र पंजीकृत थे.
सख्ती के चलते कई ने छोड़ी थी परीक्षाएं
माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड की सख्ती के चलते कई छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी और परीक्षा से अनुपस्थित रहे थे. यूपी बोर्ड ने परीक्षा के दौरान क्लास रूम में सीसीटीवी से ऑनलाइन निगरानी और तमाम सुरक्षा व्यवस्था के इंतज़ाम किये थे जिसके चलते छात्रों में डर या अन्य वजहों से परीक्षा नहीं दी थी. इस बार भी इसी तर्ज पर ये परीक्षाएं होंगी.
9वीं और 11वीं में भी हुआ रजिस्ट्रेशन
इस बार 9वीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन की प्रकिया 20 सितंबर को पूरी कर ली गई थी. 9वीं में 29 लाख 22 हजार 188 और 11वीं में 25 लाख 09 हजार 497 विद्यार्थियों का पंजीकरण हो चुका है. यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 वेरिफिकेशन प्रोसेस के पूरा होने के बाद आवेदन में सुधार की प्रक्रिया शुरू होगी.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









