यूपी की जीत से यह तय नहीं होता कि गुजरात में भी BJP आएगी: कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा
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गुजरात कांग्रेस की रणनीति और पार्टी किस तरह से गुजरात में 27 साल के सत्ता के वनवास से वापस लौट पाएगी? इस पर गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा से बात की हमारी संवाददाता गोपी घांघर ने.
गुजरात की राजनीति में 27 साल से कांग्रेस सत्ता के बाहर है. वैसे में इस बार चुनावी मैदान में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के लिए आम आदमी पार्टी भी बड़ी चुनौती है. गुजरात कांग्रेस की रणनीति और पार्टी किस तरह से गुजरात में 27 साल के सत्ता के वनवास से वापस लौट पाएगी? इस पर गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा से बात की हमारी संवाददाता गोपी घांघर ने.
सवाल - गुजरात चुनाव के लिए क्या रणनीति है?जवाब - गुजरात को पिछले 27 साल से हर दृष्टि से भारतीय जनता पार्टी ने बेहाल किया है. रणनीति राजनीतिक पार्टी की एक ही होती है कि हम जीत के सरकार में आएं और हमारी स्ट्रैटेजी रहेगी कि हम 125+ सीट के साथ सरकार बनाएं. गुजरात में कई सारे मुद्दे हैं. आज बीजेपी से अगर हम पूछें कि पिछले 27 साल में बेरोजगारी का प्रतिशत कितना बढ़ा है? यह लोग बहुत हल्ला करते थे कि बहुत हो गई महंगाई की मार... अबकी बार भाजपा की सरकार. यहां राज्य में उनकी सरकार है. केन्द्र में दो बार उनकी सरकार बनी. क्या महंगाई को वह रोक पाए? आज आम आदमी किस हाल में जी रहा है? विनाशक महामारी हुई कोविड-19, जिस तरह से इलाज के अभाव में अस्पताल में बेड ना मिलने की वजह से, वेंटिलेटर ना मिलने की वजह से, ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से, लोगों ने यहां दम तोड़ा है. आज गरीब आदमी या मध्यम वर्ग के परिवार के लिए कोई हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर अगर होता तो उसे बेड मिलता और उसकी जिंदगी बचाई जा सकती थी.
सवाल- 2017 में पाटीदार आंदोलन था, दलित आंदोलन था और ओबीसी आंदोलन था. कास्ट पॉलिटिक्स उस वक्त चरम सीमा पर थी. इस बार गुजरात में वह कास्ट पॉलिटिक्स नहीं है.जवाब- आप इन कम्युनिटी की बात कर रहे हो लेकिन आज पूरा गुजरात परेशान है. यहां 10 परीक्षा के पेपर लीक हुए हैं. पेपर लीक करने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई सरकार ना करे, यह इस प्रदेश के बेरोजगार नौजवानों के साथ बड़ा अन्याय है. इसकी कल्पना नहीं की जा सकती. कोई गरीब आदमी अपने बच्चे को भर्ती के लिए कोचिंग करवाता है और नतीजे में पेपर लीक होता है. गुजरात के यह हालात बन चुके हैं. यहां सरकार नहीं है और 2017 में जिन लोगों को 5 साल के लिए चुना गया, उस सरकार ने भी उन चेहरों को 4 साल बाद चीफ मिनिस्टर के साथ बदल दिया. डिप्टी सीएम भी बदल दिया गया. पूरी सरकार ही बदल दी गई, यह क्या मजबूरी है. बीजेपी क्या गुजरात को अच्छी सरकारी नहीं दे सकती है?
सवाल - कांग्रेस के लिए कहा जाता है कि यहां काफी ज्यादा गुटबाजी है, इसलिए लोग छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं जवाब- पूरे देश में लोकतंत्र को खतरा पैदा हुआ है तो वह भारतीय जनता पार्टी से हुआ है. गोवा में पिछली बार इनकी सीटें कम थी फिर भी सरकार बनाई. कर्नाटक में हमारी सरकार थी, उस सरकार को आपने खरीद-फरोख्त के जरिए हटाया. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार चुनी गई. लोगों की चुनी हुई सरकार को आपने इन्हीं हरकतों से हटाया और राजस्थान में भी अटेंप्ट किया. वो अलग बात है कि वह सफल नहीं रहे. यहां गुजरात में खरीद-फरोख्त क्यों कर रहे हैं. अब जाने वाला भी दोषी है लेकिन खरीदने वाला भी दोषी ही है. यह जो नई संस्कृति बीजेपी ने पैदा की है, यह मैं समझता हूं लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. अगर आप केन्द्र में सरकार में बैठे हैं, अगर आप राज्य में सरकार में बैठे हैं, आपके पास बहुत सारा पैसा है, इसका मतलब क्या आप लोकतंत्र को खरीदेंगे?
सवाल- नेता चले जाते हैं कांग्रेस कंट्रोल नहीं कर पाती है? जवाब- यह कांग्रेस के कंट्रोल करने की बात नहीं है आज भी बीजेपी की रणनीति जो है वह पॉजिटिव कैंपेन नहीं है. आज भी प्रेस और मीडिया के माध्यम से यह लोग कांग्रेस से जा रहे हैं. कांग्रेस में अनस्टेबिलिटी कैसे पैदा हो, इस रणनीति पर काम कर रहे हैं. वह अपनी पार्टी का नहीं देखते हम किस तरीके से सरकार बनाएंगे. अब रिमोट कंट्रोल की गवर्नमेंट है, यह गुजरात की जनता के साथ भद्दा मजाक है. जनता बीजेपी से इसका जवाब पूछ रही है. क्या आम आदमी बीजेपी की सरकार से खुश है? हर आदमी चाहे वह किसी भी कम्युनिटी का हो और कहीं पर भी रहने वाला हो, वह बीजेपी की सरकार से खुश नहीं है. फिर भी यह लोग दावा कर रहे हैं कि हम इसे खरीद लेंगे, इसको ज्वाइन करवा देंगे. यह इस तरीके का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि हम सरकार बना लेंगे जबकि इस बार पूरी तरीके से बीजेपी एक्सपोज हो चुकी है.
सवाल- बीजेपी में खुलकर कोई सामने नहीं आता, ना ही कोई पार्टी छोड़कर जाता है? जवाब - यह आतंक है उनका. भारतीय जनता पार्टी में इंटरनल डेमोक्रेसी नहीं है. किसी को बोलने की इजाजत नहीं है. उनके पास हथियार हैं- ईडी- सीबीआई है, इनकम टैक्स है, कौन बोलेगा?
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